धनबादः उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में कई लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अब तक सैकड़ों लोग लापता हैं. लापता लोगों के परिजनों का सब्र का बांध टूट रहा है. ऐसे में धनबाद के रहने वाले रिटायर्ड कोलकर्मी सलीम अंसारी ने ईटीवी भारत के माध्यम से लापता लोगों के परिजनों से धैर्य और सब्र बनाए रखने की अपील की है. सलीम अंसारी साल 2001 के फरवरी महीने में धनबाद बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के बागडिगी खान हादसे के शिकार हुए थे. 7 दिनों तक सलीम खदान के अंदर ही फंसे थे. आठवें दिन रेस्क्यू टीम ने उन्हें बाहर निकाला था.
बागडिगी खान हादसे में जिंदा बचे सलीम अंसारी की चमोली हादसे में फंसे लोगों के परिजनों से अपील, सब्र रखें, प्रार्थना करें
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा में कई लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं अब तक सैकड़ों लोग लापता हैं. इसी क्रम में धनबाद बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के बागडिगी खान हादसे के शिकार हुए सलीम अंसारी ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने चमोली हादसे में फंसे सैकड़ों लोगों के परिजनों से सब्र और धैर्य बनाए रखने की अपील की.
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35 लोग हुए थे बागडिगी खान हादसे का शिकार
बागडिगी खान हादसे को याद करते हुए सलीम अंसारी कहते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह जिंदा बच सकेंगे. उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद खत्म हो चुकी थी, लेकिन आठवें दिन खदान के अंदर से उन्हें निकाला गया था, जब होश आया तो खुद को अस्पताल में पाया था.
सलीम ने बताया कि हाथी की गर्जन की तरह खदान के अंदर तेज आवाज हुई और अथाह पानी अचानक खदान के अंदर भर गया था. कुल 35 लोग खदान के अंदर काम कर रहे थे, जिसमें से पांच लोग किसी तरह जान बचाकर भाग निकले थे. 29 ने जलसमाधि ले ली और एक वो बच गए. उन्होंने कहा कि खदान के अंदर रोते हुए वक्त बिताता था. इस दौरान रात और दिन का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं मिल पाता था.
चमोली हादसे में फंसे सैकड़ों लोगों के परिजनों से उन्होंने अपील की है कि वे सब्र और धैर्य बनाए रखें. ईश्वर पर विश्वास रखें. परिजनों से उनकी मुलाकात जरूर होगी. उन्होंने कहा कि लापता लोगों के परिजनों को खुद का और अपने परिवार का भी ख्याल रखने की जरूरत है.