धनबाद: कर्नाटक से आई बेंगलुरू एसआईटी की टीम ने बृहस्पतिवार को बहुचर्चित गौरी लंकेश हत्याकांड के मुख्य आरोपी को कतरास से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया जहां से उसे ट्रांजिट रिमांड पर कर्नाटक पुलिस को सौंप दिया.
हत्या के विरोध में पूरे देश में आंदोलन
5 सितंबर 2017 को जब पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या हुई थी तो उस वक्त पूरे देश में रोहित वेमुला की मौत को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था, ऐसे समय में गौरी लंकेश की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया और जो आग रोहित वेमुला की मौत से भड़की थी उसमें इस घटना ने घी का काम किया. गौरी लंकेश की हत्या ने सिर्फ मीडिया जगत ही नहीं बल्कि छात्रों और बुद्धिजीवियों के बीच सरकार के प्रति एक आक्रोश भर दिया. गौरी लंकेश की हत्या को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन तेज हो गया. आंदोलनों के दवाब में हत्यारे को पकड़ने के लिए बेंगलुरू पुलिस ने एसआईटी गठित की. एसआईटी ने घटना के लगभग ढाई साल बाद आरोपी को झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार कर लिया.
ढाई साल में मिली सफलता
बेंगलुरू पुलिस पिछले दो सालों से हत्या के मुख्य आरोपी राजेश उर्फ ऋषिकेश देवडीकर को पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी, लेकिन हर बार राजेश चकमा देकर निकल जाता था. 09 जनवरी 2020 को बेंगलुरू एसआईटी टीम को सफलता हाथ लगी जब उसने धनबाद के कतरास से राजेश को गिरफ्तार कर लिया.
इस पेट्रोल पंप में काम करता था पहचान बदलकर रह रहा था
यहां पर राजेश उर्फ ऋषिकेश नाम और पहचान बदलकर पिछले सात महीने से रह रहा था और एक पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था. ऋषिकेश को बेंगलुरु की एसआइटी ने कतरास में छापेमारी कर उसकी गिरफ्तार की. पुलिस ने उसके कमरे से सनातन धर्म की कई पुस्तक भी बरामद की हैं. वह कतरास के एक पेट्रोल पंप पर पहचान छिपाकर रह रहा था. जिस पेट्रोल पंप में राजेश उर्फ ऋषिकेश काम कर रहा था और जिस घर में वो रह रहा था, उसमें उसकी कौन मदद कर रहा था इन सब बातों पर अगले कुछ दिनों में पर्दा उठेगा.
संपादक थीं गौरी लंकेश
सांध्य मैगजीन लंकेश पत्रिका की संपादक गौरी लंकेश की हत्या बेंगलुरु में 5 सितंबर 2017 को हुई थी. उसके बाद एसआईटी की टीम ने लगातार आरोपी की तफ्तीश जारी रखी और उसे धर दबोचा. जानकारी के अनुसार आरोपी ऋषिकेश धनबाद के कतरास में एक व्यवसायी के पेट्रोल पंप में केयर टेकर का काम कर रहा था और पहचान बदलकर रह रहा था.