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Teachers Day In Deoghar: देवघर में शिक्षा की अलख जगा रहे धीरेंद्र, टोले-मुहल्ले में घूम-घूम कर दे रहे शिक्षा का दान - स्तरीय ऑनलाइन क्विज

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर देशभर में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुओं के सम्मान में जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. शिक्षक एक कुम्हार की तरह है जो बच्चों का भविष्य गढ़ते हैं. ऐसे ही शिक्षक हैं देवघर के धीरेंद्र, जिन्होंने अपने नेक कार्यों से गुरुओं का सम्मान बढ़ाया है.

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Donating Free Education In Deoghar

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2023, 12:53 PM IST

देवघरःभारत की परंपरा में गुरु को भगवान से भी ऊपर का दर्जा प्राप्त है. साथ ही हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक बेहद अहम भूमिका निभाता है. चाहे स्कूल की पढ़ाई हो या जीवन का कोई कठिन समय, शिक्षक हमें हर मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार करते हैं. ऐसे ही शिक्षक हैं देवघर के धीरेंद्र. जिन्हें पूरे देवघर में धीरेंद्र सर के रूप में जाना जाता है. धीरेंद्र ऐसे शिक्षक भी हैं जो गांव के टोले-मोहल्लों में जाकर बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं. साथ ही 10वीं से लेकर 12वीं के बच्चों को भी पढ़ाते हैं.

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कोरोना काल में शिक्षक धीरेंद्र ने गांव-गांव जगाई थी शिक्षा की अलखःदेवघर के धीरेंद्र सर का नाम कोरोना काल के दौरान उभर कर सामने आया. जब कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए उन्होंने गांव-गांव जाकर बच्चों में शिक्षा की अलख जगाई. इस बाबत धीरेंद्र ने बताया कि वे मूल रूप से जीव विज्ञान और रासायन विज्ञान विषय के शिक्षक हैं. जो ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े और गरीबी में पढ़ाई की. उन्होंने कहा एक बार दुर्गम क्षेत्र में उनकी पोस्टिंग हुई थी. जहां बच्चे पढ़ाई करने के लिए नहीं पहुंचते थे. जिसको देखते हुए गांव-गांव घूम कर टोले-मोहल्लों में जाकर बच्चों को पढ़ाने लगे.

विद्यार्थियों को ऑनलाइन नोट्स भी उपलब्ध कराते हैं धीरेंद्रः धीरेंद्र ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर चैप्टर वाइज कंटेंट्स-नोट्स बनाकर प्रेषित करना शुरू किया. जिससे छात्रों को काफी फायदा हुआ. उन्होंने गूगल लिंक का प्रयोग कर टेस्ट आयोजित कर बच्चों का मूल्यांकन किया. साथ ही जिला स्तरीय ऑनलाइन क्विज संचालन में प्रश्न निर्माण कार्य के रूप में उन्हें मौका मिला. जिसको लेकर झारखंड सरकार द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है.

आरके मिशन विद्यापीठ से सम्मानित हो चुके हैं धीरेंद्रःउन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें विज्ञान विषय में रुचि थी. इसको लेकर उन्होंने काफी अध्ययन किया. बच्चों के लिए एक प्रयोगशाला भी बनवाया है. जिसमें वे प्रत्येक माह बच्चों के लिए क्विज का आयोजन कराते हैं. इस कार्य के लिए उन्हें आरके मिशन विद्यापीठ द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही पर्यावरण को बढ़ावा और पौधरोपण, प्लास्टिक से मुक्ति अभियान का भी संचालन करते हैं. धीरेंद्र ने कहा कि भविष्य में वे साइंस लैब और बोटनिकल गार्डन की स्थापना करना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें सरकार और समाजसेवी संस्थाओं से मदद की अपेक्षा है.

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