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देवघर में लंपी वायरस ने बढ़ाई चिंता, जानिए दूध पीने से खतरा है या नहीं - DEOGHAR NEWS

देश के दर्जनभर राज्यों में कोहराम मचा चुका लंपी वायरस अब झारखंड के देवघर (Lampi Virus in deoghar) में भी अपने पैर पसार रहा है. ये बीमारी मुख्य रुप से गायों को अपना शिकार बना रही है. ऐसे में लोग दूध और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट खाने को लेकर चिंतित हैं (After Lumpy Virus How Safe Dairy Products).

Lampi Virus in deoghar
Lampi Virus in deoghar

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Published : Oct 6, 2022, 5:20 PM IST

देवघर:कोरोना के बाद अब लंपी वायरस (Lampi Virus) कहर बरपा रहा है. फर्क केवल इतना है कि कोरोना इंसानों को हो रहा था और लंपी वायरस गायों की जान ले रहा है. अब लोग ये जानना चाहते हैं कि गायों में तेजी से फैल रही इस बीमारी के बाद दूध और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट उनके लिए कितने सेफ हैं (After Lumpy Virus How Safe Dairy Products).

राजस्थान, गुजरात, समेत दर्जनभर राज्यों में कोहराम मचा चुका लंपी वायरस अब झारखंड में भी अपने पैर पसार रहा है. देवघर, सारठ, सारवा, मोहनपुर सहित कई प्रखंड में भी इस वायरस के फैलने की आशंका जतायी जा रही है. बीते एक सप्ताह में यहां लंपी वायरस से संक्रमित कई पशुओं की मौत हो चुकी है. जिससे यहां के पशुपालक दहशत में हैं. झारखंड के अतिरिक्त यह वायरस बिहार में भी फैल रहा, पर संतोष की बात है कि वायरस का संक्रमण अभी देवघर जिले में कम है.

जिला पशु पदाधिकारी से बात करते संवाददाता परमजीत



लंपी वायरस के लक्षण:लंपी एक विषाणु जनित संक्रामक बीमारी है. ये मुख्य रूप से गोवंश को संक्रमित करता है. ये रोग संक्रमित मक्खियों, मच्छरों और चमोकन के काटने से होता है. इसमें आमतौर पर पशुओं की खाल पर गांठ पड़ जाती है फिर शरीर पर घाव बन जाता है. घाव आखिर में खुजली वाली पपड़ी बन जाते हैं, जिस पर वायरस महीनों तक बना रहता है. ये वायरस जानवर की लार, नाक के स्राव और दूध में भी पाया जा सकता है. इसके अलावा, पशुओं की लसीका ग्रंथियों में सूजन आना, बुखार आना, अत्यधिक लार आना और आंख आना, वायरस के अन्य लक्षण हैं.

दूध पीने से इंसानों पर असर होगा या नहीं:इधर दूध पीने से इंसानों पर असर को लेकर अटकलें तेज हो रही हैं. कई लोग गाय का दूध बंद भी कर रहे हैं. जिला पशु चिकित्स डॉ कपिल कुमार ने बताया कि गर्म दूध पीने से इंसानों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. ऐसा केस अभी देखने में नहीं आया है कि दूध पीने से नुकसान हो. अगर कहीं संक्रमित पशु दिखता है तो उसे स्वस्थ पशु से तत्काल अलग करना चाहिए. संक्रमित क्षेत्र में बीमारी फैलाने वाले मच्छर-मक्खी की रोकथाम हो, संक्रमित क्षेत्र से अन्य क्षेत्र में पशुओं के आवागमन रुकना चाहिए.

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