झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

देवघर एम्स में स्वास्थ्य सुविधा बेहाल, मरीजों को जांच करवाने को लेकर करना पड़ रहा लंबा इंतजार

देवघर एम्स में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल (Health facility is shambles in Deoghar AIIMS) है. इससे मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. मरीजों ने बताया कि टेस्ट रिपोर्ट तीन दिनों बाद मिलता है और डॉक्टर से जांच रिपोर्ट दिखाने के लिए अलग से 200 रुपये का कूपन लेना पड़ता है.

health-facility-is-shambles-in-deoghar-aiims
देवघर एम्स में स्वास्थ्य सुविधा बेहाल

By

Published : Oct 4, 2022, 8:16 PM IST

देवघरःदेवघर एम्स का हाल में ही उद्घाटन किया गया, ताकि संथाल परगना के मरीजों को रांची या दूसरे राज्यों में इलाज कराने को लेकर नहीं जाना पड़े. लेकिन इस एम्स में स्वास्थ्य सुविधा बेहाल (Health facility is shambles in Deoghar AIIMS) है. स्थिति यह है कि मरीज डॉक्टर से दिखा लिए और डॉक्टर ने एक-दो टेस्ट लिख दिया तो लंबा इंतजार करना पड़ता है. मरीजों को प्राइवेट लैब से टेस्ट करवाने को मजबूर होना पड़ता है.

यह भी पढ़ेंःदेवघर एम्स में अब रोजाना 4 सौ मरीजों का इलाज, बढ़ती संख्या को देखते हुए लिया गया फैसला

संथाल परगना प्रमंडल में छह जिले हैं. इस जिलों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. एम्स पहुंचे नये मरीजों को 200 रुपये का कूपन लेना पड़ता है. वहीं पुराने मरीजों को भी डॉक्टर से दिखाने के लिए 200 रुपये का कूपन लेना पड़ता है. डॉक्टर मरीज को टेस्ट लिखते हैं तो उसकी रिपोर्ट अस्पताल के लैब से तीन-चार दिन बाद मिलती है. टेस्ट रिपोर्ट मिलने के बाद डॉक्टर से मिलने के लिए 200 रुपये का कूपन लेना पड़ता है. इससे दूर दराज से आए मरीज को बार-बार अस्पताल का चक्कर लगाने को मजबूर होना पड़ता है.

देखें पूरी खबर

दुमका से आए मरीज ने बताया कि 28 जुलाई को कूपन लेकर एम्स में दाखिला लिया. डॉक्टर ने टेस्ट कराने का सलाह दिया. लेकिन तीन दिनों बाद जांच रिपोर्ट मिली तो कूपन नहीं मिल पाया. इससे डॉक्टर को रिपोर्ट नहीं दिखा पाये. इसके बाद काफी कोशिश करने के बाद 18 अगस्त का कूपन मिला तो डॉक्टर को दिखाये. डॉक्टर ने शुगर की जांच लिखी थी. लेकिन टेक्नीशियन ने शुगर जांच नहीं की. इससे दुबारा 20 अगस्त को शुगर की जांच हुई. लैब टेक्नीशियन ने 3 दिन बाद जांच रिपोर्ट देने की बात कही. उन्होंने कहा कि 25 दिन से अधिक तक चक्कर लगाना पड़ा.


मरीजों ने बताया कि गार्ड बिना कूपन अंदर जाने नहीं देता है. लेकिन गार्ड के परिचित बेरोकटोक अस्पताल परिसर में चहलकदमी करते हैं. मीडियाकर्मियों को भी एम्स परिसर में प्रदेश की अनुमति नहीं है. मीडियाकर्मी ने एम्स प्रबंधन से मिलने की कोशिश की तो गार्ड नियम का हवाला देकर गेट पर रोक दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details