देवघर:देवघर पुलिस ने शनिवार को छापेमारी कर छह साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से छह मोबाइल फोन और 16 फर्जी सिम कार्ड बरामद किया है. दरअसल, देवघर एसपी सुभाष चंद्र जाट को गुप्त सूचना मिली थी कि देवघर के पत्थरडा थाना क्षेत्र के जंगल में कुछ साइबर अपराधी छुप कर साइबर अपराध कर रहे हैं. जिसके आधार पर पुलिस की विशेष टीम गठित कर छापेमारी की गई. जिसमें देवघर पुलिस को यह कामयाबी मिली है.
Crime News Deoghar: देवघर पुलिस की छापेमारी में छह साइबर अपराधी गिरफ्तार, जंगल में बैठ कर दे रहे थे ठगी की वारदत को अंजाम
छह साइबर अपराधी देवघर पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. पुलिस ने गिरफ्तार साइबर अपराधियों से आधा दर्जन मोबाइल फोन और एक दर्जन से अधिक सिम कार्ड बरामद किया है. पुलिस गिरफ्तार साइबर अपराधियों से पूछताछ कर रही है.
पत्थरडा के जंगल में पुलिस ने की छापेमारीःजानकारी के अनुसार पुलिस की टीम जैसे ही पत्थरडा थाना क्षेत्र के जंगल में पहुंची साइबर अपराधियों में अफरा-तफरी मच गई. पुलिस को देख कर कई साइबर अपराधी फरार हो गए. हालांकि पुलिस ने खदेड़ कर छह साइबर ठगों को धर दबोचा. गिरफ्तार साइबर अपराधियों में पत्थरडा थाना क्षेत्र के बरदही निवासी रविकांत महारा, दीनानाथ सुमन, देवराज कुमार दास, उपेंद्र कुमार दास, विवेक कुमार दास और मधुपुर थाना क्षेत्र के लखनुवा गांव निवासी सुभाष दास शामिल है.
साइबर अपराधियों के फोन से पुलिस को मिले अहम सुरागः साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. साथ ही जब्त किए गए मोबाइल को खंगाला जा रहा है. मोबाइल फोन में पूरे भारतवर्ष में 10 साइबर क्राइम का लिंक पाया गया है. जिसकी पुलिस जांच कर रही है और पता लगाने का प्रयास कर रही है कि साइबर अपराधियों ने कहां-कहां और किसे ठगी का शिकार बनाया है.
कई राज्यों की पुलिस कर रही थी साइबर अपराधी सुभाष की तलाशः इस बाबत देवघर के साइबर डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधी सुभाष दास का पूर्व से साइबर क्राइम का रिकॉर्ड रहा है. कई राज्यों की पुलिस साइबर क्राइम के मामले में सुभाष दास की तलाश कर रही थी. सभी अपराधी ऑनलाइन शॉपिंग मार्ट और बैंक अधिकारी बनकर लोगों से ऑनलाइन ठगी करते थे. लोगों को तरह-तरह का प्रलोभन देकर फोन पर गूगल एड्स, इंटरनेट सर्च इंजन और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए गए कस्टमर केयर हेल्पलाइन पर अपना नंबर चढ़ाकर लोगों से ठगी का शिकार बनाते थे.