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CYBER CRIME: देवघर में 14 साइबर अपराधी गिरफ्तार, लॉटरी का लालच देकर करते थे ठगी - Customer Care Officer of Google Search Engine

देवघर साइबर थाना की पुलिस ने 14 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर सफलता हासिल की है. इन अपराधियों के पास से बड़ी तादाद में सामान बरामद हुआ है. अपराधी गूगल सर्च इंजन का कस्टमर केयर अधिकारी (Customer Care Officer of Google Search Engine) बनकर लोगों को लॉटरी का लालच देकर ठगी करता था.

14 cyber criminals arrested in deoghar
CYBER CRIME: देवघर में 14 साइबर अपराधी गिरफ्तार, लॉटरी का लालच देकर करते थे ठगी

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Published : Aug 23, 2021, 4:32 PM IST

देवघर:सोमवार को देवघर साइबर थाना की पुलिस ने 14 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इन अपराधियों को पथरड्डा ओपी क्षेत्र के बरदेही, पालाजोरी थाना क्षेत्र के पत्थरघटिया और अंगवाली, सारठ थाना क्षेत्र के कपसा और करौं थाना क्षेत्र के डिंडाकोली, गौरीपुर और जांत गांव से गिरफ्तार किया है. सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में पूरे मामले की जानकारी देते हुए एसडीपीओ पवन कुमार (SDPO Pawan Kumar) ने अपराधियों की गिरफ्तारी के बारे में बताया.

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इन साइबर अपराधियों के पास से 25 मोबाइल, 52 सिम कार्ड, 2 एटीएम कार्ड, 2 पासबुक, 2 चेकबुक और 1 लैपटॉप बरामद किया गया है. गिरफ्तार अपराधियों में 21 साल का कन्हैया कुमार उर्फ कानू दास, 24 साल का मोहम्मद सरफराज, 19 साल का मुनव्वर अंसारी, 20 साल का हसन रजा, 45 साल का लाल मोहम्मद अंसारी, 19 साल का ताजमुल अंसारी, समीर अंसारी, 22 साल का सिकन्दर अंसारी, 21 साल का आरिफ राजा, 25 साल का सरफराज अंसारी, 28 साल का प्रशांत सिंह, 20 साल का दिलखुश कुमार सिंह, 19 साल का सुरेंद्र रवानी और रितेश रवानी शामिल है.

जानकारी देते एसडीपीओ

एसडीपीओ ने दी जानकारी

एसडीपीओ (SDPO) की ओर से ये भी जानकारी दी गयी कि गिरफ्तार साइबर अपराधी कन्हैया, सिकंदर अंसारी और प्रशांत सिंह का आपराधिक इतिहास रहा है. इन तीनों पर पहले से दर्ज साइबर अपराध का मामला चल रहा है. इसके अलावा एसडीपीओ ने बताया कि साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे. साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर लोगों को लॉटरी का प्रलोभन देकर पैसों की ठगी करते थे.

साथ ही ये साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और उन्हें बताते हैं कि उनका एटीएम बंद होने वाला है. इसके अलावा केवाइसी अपडेट कराने के नाम पर भी ठगी की जाती है. अपराधी साइबर ठगी के लिए गूगल-पे का भी सहारा लेते थे. साथ ही साइबर अपराधियों की ओर से वर्चुअल पेमेंट एड्रेस के माध्यम से भी ठगी की जाती थी. बहरहाल, पुलिस गिरफ्तार साइबर अपराधियों से मिली इनपुट के आधार पर छापेमारी में जुटी हुई है. जिससे और अपराधियों को पकड़ा जा सके.

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