चतराः जिला के सिमरिया में एक अजिबो-गरीब मामला देखने को मिला है. यहां एक अजनबी महिला श्मशान घाट के किनारे अपना आशियाना बना कर पिछले 6 माह से रह रही है. डाड़ी पंचायत के मानत नदी श्मशान घाट के किनारे रह रही महिला के बारे में कोई नहीं जानता. उसे देखकर, उसकी बातें सुनकर लोग हैरान है. लेकिन करूणावश उसकी मदद करने की भी कोशिश कर रहे हैं, पर महिला किसी की मदद नहीं लेती और ना किसी से बात करती है.
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वो महिला कहां की है, उसका क्या नाम है, उसकी क्या पहचान है, अबतक यह किसी को कुछ पता नहीं है. प्रचंड गर्मी और भारी बरसात में भी वह श्मशान घाट के किनारे निवास कर रही है. अपना गुजर-बसर चलाने के लिए ना तो वो किसी के पास हाथ फैलाती है और ना ही सहायता लेती है. खाना बनाने के लिए महज दो या तीन बर्तन ही उसके पास हैं. उसके पास अंधेरा दूर करने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है.
महिला की रहस्यमयी बातें
महिला से जब पूछा गया कि आपके बच्चे या घर परिवार परिजन अगर लेने आएंगे तो आप उनके साथ जा सकते हैं तो उसने बताया की इस संसार में मेरा कोई नहीं है, मैं अपना नाम नहीं जानती हूं और ना अपना कोई ठिकाना है, पर जब वक्त आएगा तो सभी चीजों की जानकारी सभी को हो जाएगी.
ग्रामीणों का कहना है कि इस श्मशान घाट के झाड़ियों के पास जाने के लिए शाम सात बजे के बाद लोगों का रूह कांप जाती है. वहां ये महिला पिछले 6 महीनों से कैसे निवास कर रही है, यह बात सब की हैरान कर देने वाली बात है.