चतरा: प्राइवेट स्कूलों की बेरहमी मासूम बच्चों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है. शिक्षक पढ़ाने के बजाए छोटे बच्चों पर जुल्म ढा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला इटखोरी थाना क्षेत्र में सामने आया है. मामला परोका गांव में संचालित साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल का है.
300 बार उठक बैठक
जहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र मंझगावां निवासी राजकुमार सिंह की छोटी सी गलती ने शिक्षिका अंजली अग्रवाल को इस कदर नाराज कर दिया कि वे उसकी उम्र का भी ख्याल नहीं रख सकी. उन्होंने मासूम को 300 बार उठक बैठक करने का फरमान जारी कर दिया. जिसके बाद तीसरी क्लास के राजकुमार पर यह सजा इतनी भारी पड़ गई कि उसे अस्पताल ले जाना पड़ा.
शिक्षिका का कलेजा नहीं पसीजा
जानकारी के मुताबिक, साईं इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के छात्र राजकुमार को होमवर्क दिया गया था. जिसे वह पूरा नहीं कर सका और मार खाने के डर से संबंधित विषय का किताब लेकर विद्यालय नहीं आया था. इसी बात पर शिक्षिका अंजली ने राजकुमार को 300 बार उठक बैठक करने को कहा. उठक बैठक करते-करते राजकुमार अपने दाएं पैर में दर्द की शिकायत करने लगा. इस दौरान उसका पैर लगातार हील भी रहा था. बावजूद शिक्षिका का कलेजा नहीं पसीजा.
बच्चा घबराया
जिसके बाद मासूम के मुंह और नाक से खून निकलने लगा. इसे देख स्कूल के एक बस चालक ने मामले की जानकारी चुपके से परिजनों को दी. सूचना पर विद्यालय पहुंचे परिजनों ने राजकुमार को आनन-फानन में स्वास्थ्य उपकेंद्र इटखोरी लाया. जहां चिकित्सक ने बच्चे का इलाज किया. चिकित्सक ने बताया कि बच्चे को इस तरह डराया गया था कि वह घबरा गया था.
शिक्षिका का क्रूर चेहरा सार्वजनिक
मामला इतना बड़ा होने के बाद भी स्कूल संचालक ने बड़े ही आराम से मामले को मैनेज कर लिया. लेकिन इसी बीच मासूम बच्चे का दर्द बयां करता वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. बच्चे का वीडियो वायरल होते ही न सिर्फ प्रबंधक की पोल खुल गई बल्कि विद्यालय की शिक्षिका का क्रूर चेहरा भी सार्वजनिक हो गया.
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डराया धमकाया गया
हालांकि, मामला बढ़ता देख स्कूल प्रबंधक और संचालक फरार हो गए. जब मीडिया की टीम विद्यालय पहुंची तो वहां सिर्फ चतुर्थवर्गीय कर्मचारी ही मौजूद थे. इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई. मासूम बच्चे के परिजनों को भी डराया धमकाया गया है. वह भी इस मामले में कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं.