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एक ऐसा कॉलेज जहां 5 सालों से नहीं हुई किसी शिक्षक की नियुक्ति, छात्र हैं औद्योगिक शिक्षा से वंचित - industrial training institute

चतरा जिले में 12 नंवबर 2016 को बनकर तैयार आईटीआई कॉलेज में छात्र शिक्षा से वंचित हैं. इस कॉलेज में बीते पांच सालों में किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है. कॉलेज परिसर में पढ़ाई नहीं होती, कई भवन भी बेकार पड़े हैं. यहां के छात्र और उनके अभिभावकों में निराशा है उनका कहना है कि सरकार की शिक्षा योजना इस जिले में विफल रही है.

no teacher appointment for 5 years in ITI College Chatra
आईटीआई कॉलेज चतरा

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Published : Dec 31, 2019, 11:02 PM IST

चतराः जिला के छात्र-छात्राओं को बेहतर औद्योगिक शिक्षा देने के उद्देश्य से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण किया गया था. इस संस्थान का निर्माण सिमरिया प्रखंड के इचाक कला गांव में कराया गया है. जो अब गांव की मात्र शोभा बनकर रह गया है. दरअसल, यह संस्थान शिक्षक विहीन है.

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नहीं हुई 5 सालों में एक भी शिक्षक की नियुक्ति

पांच साल बीत जाने के बाद इस संस्थान में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गयी है. संस्थान में सिर्फ छात्रों का नामांकन का काम किया जाता है लेकिन पढ़ाई नहीं होती. छात्र औद्योगिक शिक्षा से दूर हैं. यहां प्रत्येक साल 160 छात्रों का नामांकन लेने का लक्ष्य है.

यहां सत्र 2016-17 और 18-19 में ऑनलाइन फार्म भरने और मैरिट के तहत 120 छात्रों नामांकन हुआ है. लेकिन इन छात्रों की पढ़ाई नहीं हुई है और ना ही छात्र प्रायोगिक शिक्षा ग्रहण कर पाए हैं. देखा जाए तो इस संस्थान में छात्र जैसे तैसे पढ़ाई कर सत्र पूरा कर रहे हैं.

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बेकार पड़े हैं प्रायोगिक सामान

संस्थान में इलेक्ट्रिशियन, फिटर, डीजल, मैकेनिक और बेल्डर की प्रायोगिक प्रशिक्षण से छात्र काफी दूर हैं. यहां रखे प्रायोगिक सामग्री जंग लगकर बेकार पड़ी हुई है. कक्षाएं भी गंदगी से भरी है जिनमें पंक्षियों का बसेरा है.

लगभग 8 करोड़ के आईटीआई कॉलेज को 12 नंवबर 2016 को सांसद सुनील सिंह और पूर्व विधायक गणेश गंझू ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का विधिवत उद्घाटन किया था. इस मौके पर तत्कालीन उपायुक्त संदीप सिंह, जिप अध्यक्ष ममता देवी, उपाध्यक्ष रूबी वर्मा, जिप सदस्य अनामिका देवी और स्थानीय लोग मौजूद थे.

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प्रशिक्षण संस्थान में वीरान पड़े हैं कई भवन

संस्थान खुलने से लोगों में उम्मीदों की किरण जगमगाई थी, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 33 पद खाली पड़े थे. जिसमें शिक्षक, प्राचार्य, गार्ड, क्लर्क और प्यून आदि शामिल हैं. इन पदों पर ना बहाली की गई और ना ही बहाली कर नियुक्त किया गया.

प्रशिक्षण संस्थान में बने कई भवन वीरान पड़े हुए हैं जो आज तक कभी खुले भी नहीं. इनमें प्राचार्य आवास भवन, कर्मचारी आवास भवन, कर्मशाला भवन और छात्रावास भवन शामिल है, जिसके कारण गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वहीं, इन भवनों के आस-पास झाड़ियों से पूरा भरा पड़ा है, इसकी साफ-सफाई भी नहीं की गयी है. स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि आईटीआई कॉलेज खुलने से यहां के छात्र-छात्राओं को पढ़ने की सुविधा मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

अभिभावकों की उम्मीदों पर छायी है निराशा

इस कॉलेज में शिक्षकों की कमी ने छात्रों के साथ अभिभावकों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है. यहां के लोगों में निराशा छा गयी है. लोगों का कहना है कि सरकार की शिक्षा योजना विफल हो रही है. इधर कांग्रेस के नेता इमदाद हुसैन का कहना है कि पिछले 5 साल बीजेपी सरकार रही लेकिन शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा आज आईटीआई के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में गठबंधन की सरकार आ गई है, जल्द ही अब आईटीआई कॉलेज में शिक्षक की बहाली की जाएगी.

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