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हमारी सुनो सरकारः बुनियादी सुविधाओं से महरूम चतरा के किसान, फसल के लिए सिंचाई नहीं-गोदाम नहीं

चतरा का देश के 111 पिछड़े जिलों में 109वां स्थान है. यहां के लोग मूलभूत सेवाओं से काफी दूर हैं. वहीं, आम लोगों के अलावा किसान वर्ग भी काफी परेशान हैं. ना सिंचाई की व्यवस्था ना ही गोदाम. जिला में उचित व्यवस्था के अभाव के कारण किसानों को फसल के नुकसान से भरपाई करनी पड़ती है.

farmers condition in chatra
चतरा में किसान

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Published : Dec 11, 2020, 9:33 AM IST

Updated : Dec 11, 2020, 1:21 PM IST

चतरा: झारखंड का सबसे सुदूरवर्ती और अत्यंत पिछड़ा जिला चतरा है. इस क्षेत्र की एक बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है. खेती कर लोग आजीविका चलाते हैं. केंद्र सरकार ने देश के 111 पिछड़े जिलों में चतरा को 109वें स्थान पर जगह दी है. केंद्र सरकार 3 साल के लिए 50 करोड़ रुपये फंडिंग करती है, ताकि मूलभूत सुविधाएं लोगों को मिले लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा. किसानों के हित की बात करें, तो जिला प्रशासन इस फंड का सदुपयोग नहीं कर रहा है. चतरा में हजारों एकड़ जमीन पर सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. किसान अपनी फसल के पटवन के लिए मानत नदी और तालाब पर निर्भर होते हैं. तालाब और नदी का पानी सूखने के कारण फसल को पानी नहीं मिल पाता है, जिसका सीधा असर फसल पर पड़ता है. फसल की पैदावार में तीन से चार बार पटवन जरूरी होता है.

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किसानों का कहना है कि बोरिंग की व्यवस्था नहीं रहने पर पटवन में 15 दिनों के जगह पर 1 महीने से ज्यादा दिन का समय लग जाता है, जिससे फसल बर्बाद हो जाते हैं और भारी नुकसान झेलना पड़ता है. वहीं, चतरा में आज भी फूड ग्रेन गोदाम के अभाव में हर साल किसान के अनाज को चूहे चट कर जाते हैं. इस डर से किसान ओने-पौने दाम पर अनाज को बेचने को मजबूर हो जाते हैं. किसान की आर्थिक स्थिति जस की तस रह जाती है.

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किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन किसानों के बारे में कभी नहीं सोचता सब भगवान भरोसे हैं. हर साल खरीफ फसल लगाई जाती है और जब फसल काटने के बाद अनाज रखने के लिए जिला स्तर पर किसानों के लिए किसी प्रकार का गोदाम उपलब्ध नहीं होता तो मजबूरन घर में अनाज को रखा जाता है, जिससे परिवार के लोगों को भी परेशानी होती है. घर में अनाज सुरक्षित नहीं रह पाता. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने चतरा उपायुक्त दिव्यांशु झा से कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि जिले में 12 सेंटर का चयन हो चुका है, जिसमें चार सेंटर जल्द शुरू किए जाएंगे, ताकि फसल अधिप्राप्ति के बाद इस गोदाम में अनाज को रखा जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों को बहुत जल्द राहत मिलेगी.

Last Updated : Dec 11, 2020, 1:21 PM IST

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