चतराःशिक्षा हर बच्चे का अधिकार है, लेकिन ऐसा लगता है अधिकार देना सरकार की प्राथमिकता में नहीं है, तभी तो सरकारी स्कूल आज बेहाल और बदहाल हैं. स्कूलों में न बैठने की व्यवस्था है और न ही पर्याप्त शिक्षक हैं. बुनियादी सुविधाओं का तो भगवान ही मालिक है. आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि चतरा के प्रतापपुर प्रखंड के कौरा गांव में प्लस टू स्कूल में एक से 12 तक की कक्षा के लिए सिर्फ दो ही कमरे हैं. वो भी जीर्णशीर्ण. 9 साल पहले नक्सलियों ने स्कूल भवन के एक हिस्से को उड़ा दिया था, तब से इसे बनवाने की किसी ने सुध नहीं ली.
स्कूल के एक शिक्षक मंगलानंद शर्मा बताते हैं कि इस स्कूल में 700 बच्चे पंजीकृत हैं पर स्कूल भवन में पढ़ाई के लिए मात्र दो कमरे होने से दिक्कत होती है. यहां शिक्षकों की संख्या भी सिर्फ 7 है. इन सात शिक्षकों के भरोसे एक से 12 तक की कक्षाएं संचालित करना काफी मुश्किल काम है. इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2010/ 11 के आसपास एक नक्सली वारदात में नक्सलियों ने इस स्कूल भवन के कई हिस्सों को उड़ा दिया था. इसके बाद से आज तक भवन का जीर्णोद्धार नहीं कराय गया.
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