लोहरदगाः जिले में कोरोना का संक्रमण अब गांव की गलियों और प्रवासी मजदूरों से आगे बढ़कर शहर की गलियों तक पहुंच चुका है. जिले में संक्रमण के हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. सबसे अधिक संक्रमण के मामले शहरी क्षेत्र में मिले हैं. लोहरदगा शहर में पिछले 6 दिनों के भीतर 60 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. जिले में अब तक संक्रमण के कुल 195 मामले हो चुके हैं. हालांकि 94 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं, फिर भी 101 मरीजों का इलाज कोविड-19 केयर सेंटर में चल रहा है. शहर में संक्रमण के मामले बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है.
लोहरदगा में कोरोना संकट, 6 दिन में 60 से ज्यादा मामले
लोहरदगा शहर कोरोना की चपेट में है. शहर में पिछले 6 दिनों में 60 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. जिले में संक्रमित की संख्या 200 के करीब पहुंच चुकी है. शहर के कई इलाके कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं. व्यवसायिक गतिविधियों के साथ-साथ बैंक और एटीएम सेवाएं भी प्रभावित हो रही है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है. कई इलाकों में आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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समाज का हर वर्ग कोरोना से संक्रमित
लोहरदगा में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में समाज का हर वर्ग आ चुका है. व्यवसायी, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी, मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर, पुलिसकर्मी, आम आदमी सहित अन्य लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. हाल के दिनों में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले शहर में देखने को मिले हैं. कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना लगभग पूरे शहर को अपनी चपेट में ले चुका है. शहर के कई इलाके कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा चुके हैं. हर दिन किसी न किसी इलाके को कंटेंनमेंट और बफर जोन घोषित किया जा रहा है. इन इलाकों में आवागमन को प्रतिबंधित कर दिया गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधन और कर्मचारियों की कमी है. इसके बावजूद लगातार संक्रमण रोकने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. लोगों से बार-बार अपील की जा रही है कि वह घर में रहे, फिर भी इसका असर आम लोगों पर नहीं पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन कड़े निर्णय लेने के मूड में है. हालांकि इसके लिए तमाम परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है. शहर में संक्रमण बढ़ने के कारण बाजार व्यवस्था और व्यवसाय पर भी असर पड़ रहा है.