रांची: चतरा जिले के इटखोरी में विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप बनाया जाएगा. ये जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दी. उन्होंने कहा कि अभी चीन में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इटखोरी वो इलाका है, जहां गौतम बुद्ध बोधगया जाने से पहले रुके थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्तूप बनाने का मकसद है कि बौद्ध धर्म मानने वाले दुनिया भर से लोग झारखंड आएं.
सोमवार को अपने कांके रोड स्थित आवास पर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर लौटे लोगों के बीच एक-एक लाख रुपये का चेक बांट रहे थे. इस दौरान सीएम ने कहा कि राज्य सरकार सांस्कृतिक पर्यटन पर ध्यान दे रही है. इसके मद्देनजर इटखोरी को डेवलप किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा रजरप्पा सिद्ध पीठ, देवघर में बाबा बैद्यनाथ धाम, गुमला में अंजनी धाम और मधुबन में जैन तीर्थ यात्रियों के स्थल को विकसित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इससे रोजगार की संभावनाएं बनेगी और सरकार को रेवेन्यू भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि टूरिज्म एक ऐसा क्षेत्र है, जिससे झारखंड को विश्व के मानचित्र पर लाया जा सकता है. इस मौके पर 15 लोगों को सांकेतिक रूप से एक-एक लाख रुपये का चेक बांटते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का मकसद वैसे लोगों को मानसरोवर यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना है जो आर्थिक तंगी के वजह से वहां नहीं जा सकते. उन्होंने कहा कि ऐसा करके राज्य सरकार कोई एहसान नहीं कर रही है. यह वही पैसा है जो लोग टैक्स के रूप में जमा करते हैं और इस पर राज्य के हर आदमी का अधिकार है.
जानकारी देते राज्य पर्यटन मंत्री अमर बाउरी राज्य के पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि तीर्थ दर्शन योजना को एक्सटेंड करते हुए उसमें मानसरोवर यात्रा को जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि इस साल कुंभ में लगभग 5 हजार लोग झारखंड से स्नान करके लौटे हैं. इसके साथ ही साल 2018-19 में मानसरोवर की यात्रा करके 75 लोगों ने इस योजना के लाभ के लिए एप्लीकेशन दिया, जिन्हें राशि दी जा रही है.