रांची: शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न करवाने की रणनीति पर काम कर रही झारखंड पुलिस के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. राजधानी रांची के एक दर्जन से अधिक शातिर अपराधी जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं. जिसको लकेर पुलिस इन अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है. जेल से बाहर आए अपराधियों के खिलाफ जिला बदर और थाना हाजिरी जैसे कार्रवाई की जा रही है.
अपराधियों पर पुलिस की नजर ये वही अपराधी है जो हत्या, लूट, डकैती दुष्कर्म जैसे मामलों में जेल के अंदर बंद थे. इन शातिर अपराधी के जेल से बाहर आते ही शहर अशांत हो जाता है. क्राइम कंट्रोल एक्ट यानी सीसीए की की अवधि समाप्त होते ही, इन अपराधियों को जमानत मिल गई है. जिसके बाद रांची सहित कई शहरों में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई है. पुलिस मुख्यालय के तरफ से इन अपराधियों पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी गई है.
पार्टी विशेष के लिए कर सकते हैं काम
हाल के दिनों में जो कुख्यात अपराधी जेल से रिहा हुए हैं उनमें कुख्यात संदीप थापा, बिट्टू मिश्रा, प्रकाश यादव, रणधीर वर्मा सोनू पंडा, विकास सिंह, सन्नी मलिक, मोनू सिंह और निक्की शर्मा शामिल है. पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि यह अपराधी किसी पार्टी विशेष के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान काम कर सकते हैं. ऐसे में इनके द्वारा चुनाव में हिंसा की जा सकती है. जेल से बाहर आए कुख्यात अपराधी संदीप थापा पर ही 25 से अधिक मामले दर्ज हैं. जब उसे रांची जेल से पलामू जेल में स्थानांतरित किया गया तब उसने पलामू जेल से भी रंगदारी मांगी थी.
स्पेसल ब्रांच ने भी किया आगाह
अपराधियों के जेल से छूटने के बाद झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने भी राजधानी रांची सहित कई जिलों के पुलिस को अलर्ट किया है. जमानत पर बाहर आने वाले अपराधी लोकसभा चुनाव के दौरान किसी तरह का हिंसा नहीं कर पाए, इसके लिए उन पर नजर रखने की हिदायत दी गई है. रांची के डीआईजी अमोल होमकर ने बताया कि जेल से बाहर आए अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. संदीप थापा और बिट्टू मिश्रा जैसे अपराधियों को जिला बदर कर दिया गया है. जबकि कई अपराधियों को थाना में हर दिन हाजिरी देने की हिदायत दी गई है. डीआईजी के अनुसार डीएसपी स्तर का एक अधिकारी जेल से बाहर आए अपराधियों की मॉनिटरिंग में लगे हुए हैं.
मुख्यालय की कड़ी नजर
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय के तरफ से आर्म्स , हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन अपराध के मामलों में लिप्त अपराधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी भी की गई है. राजधानी रांची में कई ऐसे अपराधी भी सक्रिय हैं जो हथियार तस्करी में लिप्त है. वह बाहर से हथियार बनाकर छोटे-छोटे अपराधियों को हथियार की सप्लाई करते हैं. झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान मुरारी लाल मीणा ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर हर तरफ नजर रखी जा रही है. राज्य के अंदर आने जाने वाले वाहनों की विशेष चेकिंग की जा रही है. हर संदिग्ध पर पुलिस नजर रखे हुए हैं.