रांचीः झारखंड सरकार केंद्र और राज्य द्वारा चलाई जा रही अलग-अलग पेंशन योजना में समरूपता लाना चाहती है. इसी मकसद से 8 पेंशन योजना की देय राशि 1000 रुपये प्रतिमाह करने का फैसला लिया गया है.
अमिताभ कौशल, सचिव, कल्याण विभाग मंगलवार को हुई स्टेट केबिनेट की बैठक में 3 केंद्र प्रायोजित पेंशन योजनाएं और 5 राज्य योजना की न्यूनतम राशि ₹1000 प्रतिमाह करने पर फैसला लिया गया. इस बाबत कल्याण विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना की दोनों श्रेणी समेत केंद्र की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना को प्रतिमाह 1000 रुपये करने पर भी कैबिनेट ने सहमति दे दी है.
वहीं राज्य पेंशन योजनाओं में राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, आदिम जनजाति पेंशन योजना, राज्य विधवा पेंशन योजना, स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना की न्यूनतम राशि 1000 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा एचआईवी एड्स पीड़ितों के लिए सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. इनमें सबसे बड़ी संख्या 60 से 79 आयु वर्ग के बीच के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभुकों की है. उनकी संख्या 9,62,440 है. जब कि सबसे कम लाभुक एचआईवी एड्स पीड़ित व्यक्तियों के लिए बनाई गई योजना के हैं.
कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि कुल लाभुकों की संख्या 20,29,738 है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के गाइडलाइन में भी थोड़ा परिवर्तन किया गया है. अब इसे मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की गाइडलाइन के आधार पर फॉलो किया जाएगा. इसके तहत एसईसीसी डाटा और अंत्योदय लाभुकों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मेधा स्कॉलरशिप स्कीम और निर्धनता सह मेधा छात्रवृति योजनाओं को मिलाकर मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना शुरू करने का फैसला लिया है. यह तीन स्तरों पर छात्र-छात्राओं को दी जाएगी. राज्यस्तर पर हर साल 1000 छात्र-छात्राओं को 12000 रुपये दिए जाएंगे. इसके लिए एक परीक्षा होगी और इसमें 30% आरक्षण लड़कियों के लिए होगा.
जिलास्तर के लिए तीन अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं. जिसके तहत 6000 रुपया प्रतिवर्ष दिया जाएगा. उसमें वैसे जिलों जहां प्रखंडों की संख्या 7 से कम और आबादी 12 लाख से कम होगी, वहां से 100 स्टूडेंट्स. दूसरी श्रेणी में जहां प्रखंडों की संख्या 8 से 12 के बीच होगी और आबादी 12 से 15 के बीच होगी, वहां से डेढ़ सौ स्टूडेंट्स. जबकि जिन जिलों में प्रखंडों की संख्या 13 से अधिक और आबादी 15 लाख से अधिक होगी, वहां से 200 स्टूडेंट्स का चयन किया जाएगा.
इसके अलावा अत्यंत पिछड़े जिलों सिमडेगा, खूंटी, लोहरदगा, पाकुड़, चाईबासा और साहेबगंज को लाभ मिलेगा. प्रखंड स्तर पर 20 छात्रों का चयन होगा जिसके तहत 3000 रुपये वार्षिक दिए जाएंगे. ऐसे स्टूडेंट्स को मिलेगा जिनके अभिभावक की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये सालाना से कम होगी. इसके तहत 50% लड़कियों के लिए सुरक्षित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में 60% और जिला स्तर पर 55% और 50 प्रतिशत अंक लाना होगा.
स्टेट केबिनेट में 2018-19 और 2019-20 के तहत राज्य भर के लैम्प्स और पैक्स में कार्यालय से गोदाम निर्माण के लिए 104.42 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति पर मुहर लगाई है. राजस्व विभाग में झारखंड राज्य विधिक परिषद को 1 रुपये की दर पर 30 साल के लिए राजधानी के अरगोड़ा अंचल में 34 डिसमिल जमीन देने का फैसला किया है. वहीं झारखंड भवन दिल्ली में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल हुए तीन व्यक्तियों की सेवा नियमित करने संबंधी झारखंड हाई कोर्ट के कंटेंप्ट केस के निर्देश के बाद क्रिस्ट कुशल पूर्ति, राकेश कुमार और अवध राय की सेवा नियमित करने का भी कैबिनेट में फैसला लिया गया है.
इसके अलावा कैबिनेट में पलामू जिले के विश्रामपुर में नया पुलिस अनुमंडल बनाने की स्वीकृति दी गई. साथ ही देवघर जिला में दो नए पुलिस स्टेशन पथरोल और खागा बनाने पर भी अपनी स्वीकृति दी. साथ ही तीन पुलिस अनुमंडल गुमला, चैनपुर और बसिया के एरिया को परिभाषित करने पर भी सहमति बनी. राज्य सरकार ने उत्तर कोयल परियोजना का नाम बदलकर शहीद नीलांबर पीतांबर उत्तर कोयल जलाशय परियोजना रखने का निर्णय लिया है.
इसके अलावा राज्य सरकार ने पांच अलग-अलग जिलों में 112 नई सड़कों के लिए 335.63 करोड रुपए स्वीकृत करने पर भी निर्णय लिया. वहीं राज्य सरकार ने झारखंड उत्पाद (मदिरा की खुदरा बिक्री हेतु दुकानों की बंदोबस्ती एवं संचालन) नियमावली 2018 में संशोधन के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति दी.