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हॉर्स ट्रेडिंग मामला: तत्कालीन विधानसभा सचिव ने दिया बयान, वोट से रोकने की नहीं मिली शिकायत - Rajya Sabha Elections

झामुमो के विशुनपुर विधायक चमरा लिंडा 11 जून 2016 को मतदान में शामिल नहीं हो पाए थे. चमरा लिंडा ने चुनाव आयोग को दिए लिखित बयान में बताया था कि वह बीते 12 सालों से डायबिटिज की बीमारी से जुझ रहे हैं. राज्यसभा चुनाव के पहले वह दिल्ली, चेन्नई समेत कई जगहों से इलाज कराकर लौटे थे. चुनाव के दो दिन पहले 9 जून को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद वह आर्किड अस्पताल में भर्ती हुए थे.

झारखंड विधानसभा

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Published : Apr 28, 2019, 6:47 AM IST

रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में जगन्नाथपुर पुलिस ने झारखंड सरकार के अवर सचिव रैंक के अधिकारी विनय कुमार का भी बयान लिया है. विनय कुमार राज्यसभा चुनाव के दौरान विधानसभा सचिव के पद पर थे.
गृह विभाग के द्वारा इस मामले में दायर हलफनामे के मुताबिक, विनय कुमार ने अपने बयान में किसी भी मतदाता विधायक के द्वारा चुनाव के दिन शिकायत अंकित कराए जाने की बात से इंकार किया है. हलफनामे में अंकित विनय कुमार के बयान में जिक्र है कि चुनाव के दिन विधायक निर्मला देवी या अन्य किसी मतदाता ने यह शिकायत नहीं थी कि उन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लेने से रोका गया या प्रभावित करने का प्रयास किया गया.

झामुमो के विशुनपुर विधायक चमरा लिंडा 11 जून 2016 को मतदान में शामिल नहीं हो पाए थे. चमरा लिंडा ने चुनाव आयोग को दिए लिखित बयान में बताया था कि वह बीते 12 सालों से डायबिटिज की बीमारी से जुझ रहे हैं. राज्यसभा चुनाव के पहले वह दिल्ली, चेन्नई समेत कई जगहों से इलाज कराकर लौटे थे. चुनाव के दो दिन पहले 9 जून को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद वह आर्किड अस्पताल में भर्ती हुए थे.

10 जून को अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी उन्होंने हेमंत सोरेन को दी थी. उसी शाम अस्पताल में पुलिस के लोग आए और बताया कि उनके खिलाफ पुराने कांड में वारंट है. जिसके बाद पार्टी के स्तर से 11 जून को वोटिंग के दिन कोर्ट से वोट में जाने की इजाजत के लिए आवेदन दिया गया. चमरा लिंडा के बयान में जिक्र है कि कोर्ट से समय पर इजाजत नहीं मिल पाने की वजह से वह वोट नहीं दे पाए हैं. निर्वाचन आयोग को दिए बयान के आधार पर अब नए सिरे से चमरा लिंडा बयान लिया जाएगा.

योगेंद्र साव ने जगन्नाथपुर थानेदार को मूल यंत्र के संबंध में पत्राचार किया है. इसकी प्रति न्यायिक दंडाधिकारी को भी दी गई है. योगेंद्र साव ने थाने को भेजे पत्र में लिखा है कि संबंधित मामले में माननीय उच्च न्यायालय में उन्होंने क्रिमिनल मैटर डायरी संख्या 26044/2018 लंबित है. हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद ही योगेंद्र साव ने जांच प्रक्रिया में सहयोग देने का जिक्र किया है.

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