रांची: प्रदेश में बीजेपी और आजसू के लोकसभा चुनाव को लेकर हुए गठबंधन पर विपक्षी दलों ने निशाना साधा है. राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि इस पॉलिटिक्ल डेवलपमेंट से आजसू पार्टी की ऑरिजिनल कैरेक्टर सामने आ गई है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि ब्लैकमेलिंग का दौर समाप्त हो गया.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कथित रूप से लिए गए जनविरोधी फैसलों के साथ एक तरफ आजसू पार्टी के नेता जहां सदन में सरकार में साथ रहे. वहीं, सड़क पर उतर के सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करती नजर आए.
झामुमो नेता विनोद पांडे ने कहा कि चाहे वो डोमिसाइल पॉलिसी की बात हो, भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल की बात हो या सरकार द्वारा शराब बेचने की बात हो, सभी मामलों में सरकार के निर्णयों में आजसू कोटे से मंत्री ने समर्थन किया. वहीं, सड़क पर पार्टी सुप्रीमो सरकार के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाते नजर आए. अब दोनों दल साथ मिलकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो इससे राज्य के लोगों के सामने उनका राजनीतिक चरित्र पूरी तरह से साफ हो गया है.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि लगातार आजसू पार्टी के नेता लोगों को गुमराह कर रहे थे. वो कई तरह की बातें कह रहे थे. पिछले चुनाव में उन्होंने राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग की और इस बार वो पार्टी सुप्रीमो के टिकट के लिए दबाव बना रहे थे. उन्होंने ये भी कहा कि आजसू पार्टी ने बीजेपी पर जिस तरह का दबाव बनाया, उसमें उसे सफलता मिली. अब वो साथ चुनाव लड़ेंगे.