रांचीः झारखंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का समापन हो गया. दूसरी बार यह आयोजन सूबे में हुआ था. बड़े तामझाम के साथ आयोजित किए गए इस फेस्टिवल के समापन के दौरान जो कुछ हुआ, निश्चय ही वो खुशी कम और सदमा ज्यादा देकर जाता है.
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का दूसरा संस्करण झारखंड के लिए बदनामी भरा रहा. हालांकि फेस्टिवल को सफल बनाने को लेकर आयोजकों ने काफी माथापच्ची की. लेकिन समापन समारोह के दौरान सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. दरअसल, आयोजन के पहले दिन से ही व्यवस्थाएं काफी चरमराई हुई थीं. एक तरफ जहां स्थानीय कलाकारों को सही सम्मान नहीं मिल रहा था. तो वहीं बॉलीवुड से आए कलाकारों को भी आयोजकों द्वारा अच्छे तरीके से ट्रीट नहीं किया जा रहा था.
देश विदेश से कलाकारों को बुला तो लिया गया. लेकिन सही मायने में यहां के कलाकारों और बॉलीवुड के कलाकारों को ही आयोजकों द्वारा उचित सम्मान नहीं दिया गया. इसका आरोप खुद मैनेजिंग कमेटी के मेंबर सह निदेशक लाल विजय नाथ शाहदेव ने मीडिया के सामने लगाया.
उन्होंने फिल्म फेस्टिवल के अध्यक्ष ऋषि प्रकाश मिश्रा पर आरोप लगाया. इनकी माने तो एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋषि प्रकाश मिश्रा वन मैन आर्मी की तरह काम कर रहे हैं. वो कलाकारों को सम्मान देना नहीं जानते हैं.
सम्मान नहीं मिलने से नाराज होकर कलाकार बीच समारोह से उठकर चले गए. ठीक उनके पीछे-पीछे अरबाज खान भी निकले और चले गए. कहा जा रहा था कि अरबाज खान भी नाराज चल रहे थे. अरबाज खान ने मीडिया के समक्ष तो कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर है अरबाज खान इकबाल खान और लाल विजय नाथ शाहदेव इस फेस्टिवल को बीच में ही छोड़ कर चले गए.
झारखंड फिल्म फेस्टिवल में हंगामा हालांकि एसोसिएशन के अध्यक्ष ऋषि प्रकाश मिश्रा ने तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि किसी भी एक्टर का अपमान नहीं किया गया है. वह अपनी लॉबी करके यहां से निकल गए हैं. उनके एक कलाकार को अवार्ड नहीं मिला जिसके कारण सारा मामला हुआ है.
झारखंड के सम्मान को बढ़ाने के लिए जिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. वहीं आयोजकों की लापरवाही और आपस के झगड़े के कारण आज झारखंड का नाम कहीं न कहीं धूमिल हो गया. यह वाकई शर्मनाक है. राज्य सरकार को भी इस से सीख लेने की जरूरत है.