रांची: लगभग 1 करोड़ की लागत से बने हेहल अंचल कार्यालय को लगभग 2 महीने पहले नवनिर्मित बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया. कार्यालय हेहल गांव के नदी टांड इलाके में स्थित है जहां दूर-दूर तक कोई आबादी नहीं है. पूरा इलाका वीरान है और कार्यालय की चहारदीवारी भी नहीं की गई. कार्यालय पूरी तरह से एक गार्ड के भरोसे छोड़ दिया गया है.
असुरक्षित महसूस करते हैं कर्मचारी
दिन में पूरे इलाके में सन्नाटा छाया रहता है, वहीं रात में कार्यालय एक गार्ड के भरोसे छोड़ दिया जाता है. कार्यालय को लेकर वहां के अधिकारी भी चिंतित हैं. हेहल अंचल कार्यालय कर्मचारी अजीत पांडे ने बताया कि यह इलाका इतना वीरान है कि कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं.
महत्वपूर्ण दस्तावेजों का रहना असुरक्षित
जिस परिस्थिति में कार्यालय चल रहा है, वहां कभी भी जमीन के महत्वपूर्ण दस्तावेजों की चोरी हो सकती है. खुले इलाके में बनाए गए इस कार्यालय की सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हालांकि इस सिलसिले में विभाग को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई भी असुरक्षित कार्यालय की बात खुलकर नहीं कह रहा है.