रांची: झारखंड सरकार द्वारा डायरिया पर नियंत्रण करने के लिए लगातार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसी को लेकर 28 मई से लेकर 8 जून तक पूरे राज्य में सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा.
इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग डीआईसी राजेंद्र पासवान ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु प्राय: डायरिया जनित बीमारियों के कारण होती है. इनमें से 3 हजार बच्चों की मृत्यु डायरिया के कारण हो जाती है. यह मौतें ज्यादतर गर्मी और मानसून महीने में होते हैं. यह बीमारी ज्यादातर गरीब बच्चे या स्लम एरिया में रहने वाले बच्चे में देखा जाता है.
उन्होंने बताया कि इस बीमारी का ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट द्वारा उपचार किया जा सकता है. इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने 1.5 करोड़ जिंक टैबलेट और 36 लाख ओआरएस पैकेट की खरीद की है. जो राज्य के आईडीसीएफ अभियान के तहत सभी जिलों और प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित किया गया है.
ये भी पढ़ें-नवनिर्वाचित सांसद निशिकांत दुबे ने जनता का किया धन्यवाद, कहा- मेरी जीत जनता को समर्पित
इस पखवाड़े में 40 हजार सहिया भाग लेंगी और जो घर-घर जाकर ओआरएस का पैकेट देंगी और लोगों को ओआरएस के घोल बनाने की विधि भी बताएगी. जिससे बच्चों में पानी और महत्वपूर्ण खनिज की कमी नहीं हो पाएगी.
इस अभियान में लगभग 6 हजार एएनएम भी शामिल रहेंगी. जो 14 दिनों तक जिंक टेबलेट का भी बच्चों के बीच और राज्य के सभी प्रखंडों, सामूहिक स्वास्थ्य और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर वितरित करेंगी. वहीं, डायरिया को रोकने के तरीके बताएगी.
यह पखवाड़ा आंगनबाड़ी केंद्र स्वास्थ्य उपकेंद्र, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालयों में करीब 4500 जिंक कॉर्नर बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है. डायरिया नियंत्रण को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि लोगों को जागरूक किया जा सकें. इस पखवाड़े का उद्घाटन 27 मई को डोरंडा अस्पताल में किया जायेगा.