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विधानसभा चुनाव के लिए BJP का मिशन-65, बहुमत के लिए यह है पार्टी की स्ट्रेटेजी

झारखंड में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बजेपी ने 65 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए पार्टी किसानों, युवाओं और महिलाओं पर ज्यादा फोकस कर रही है.

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Published : Jun 27, 2019, 5:26 PM IST

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रांची: झारखंड में सत्ताधारी बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में 65 सीट लाने के अपने लक्ष्य को लेकर किसान, महिला और जवान के फार्मूले पर काम कर रही है. सरकार और पार्टी दोनों का फोकस कथित रूप से इन 3 वर्ग पर है. जिसके सहारे इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी दोबारा बहुमत का आंकड़ा लाना चाह रही है.

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पार्टी सूत्रों की यकीन करें तो इस बार पूरा फोकस महिला, किसान और युवा वोटर पर है. यही वजह है कि लगभग हर सरकारी और सांगठनिक कार्यक्रम में इन तीनों वर्गों से जुड़ी योजनाओं का जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है. इसके साथ ही इन तीनों वर्गों के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा की जाती है.

उज्ज्वला, इज्जत घर और एक रुपये में रजिस्ट्री को भुनायेगी बीजेपी
प्रदेश में महिला वोटर को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार उज्जवला गैस योजना, स्वच्छ भारत अभियान और राज्य सरकार की एक रुपए में रजिस्ट्री योजना को जमकर भुनाने की फिराक में है. लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को मिले फीडबैक में यह बात आई है कि महिलाओं ने उज्जवला गैस योजना को लेकर बीजेपी पर मुहर लगाई. स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर घर बने शौचालय भी टर्निंग पॉइंट साबित हुए. यही वजह है कि पार्टी केंद्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं पर फोकस कर लोगों के बीच जाना चाह रही है. इसी कड़ी में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले दिनों उज्जवला गैस का दूसरा सिलिंडर भी सरकार द्वारा रिफिल करा कर दिए जाने की घोषणा की है. वहीं स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्य की रैंकिंग अच्छी है. जबकि एक रुपए रजिस्ट्री योजना भी अच्छा नतीजा दिख रहा है. इसके अलावा महिलाओं को गाय देने की योजना को भी पार्टी भुनाने की कोशिश करने के मूड में है.

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किसान और युवा के लिए यह है प्लान
इसके अलावा पार्टी राज्य में मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना पर भी फोकस कर रही है. जिसके तहत 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को नकद दिया जाना है. इसकी पहली किस्त किसानों के अकाउंट में आ गई है. जबकि दूसरी क़िस्त एकाउंट में डालने की तैयारी चल रही है. यही नहीं केंद्र सरकार द्वारा भी ऐसे ही योजना को लेकर पूरी तैयारी की जा रही है. वहीं युवाओं के लिए कौशल विकास के कार्यक्रमों की चर्चा करने की बात कही जा रही है. पार्टी के अंदर खाने इस बात को लेकर भी चर्चा है कि युवाओं में बीजेपी के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने भी एक कार्यक्रम के दौरान राज्य भर में जल्द से जल्द कमल क्लब के गठन को लेकर सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है.

क्या कहते हैं राजनीतिक दलों के नेता ?
वहीं इस मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि राज्य सरकार इस तरह की जो भी घोषणा कर रही है, वह केवल चुनाव तक ही रह जाएंगी. चुनावों के बाद ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों के खाते में सीधा पैसा दे देना एक तरह की 'ब्राइबिंग' है. जिसे आम लोग भी समझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का खजाना खाली है, ऐसे में इन योजनाओं का क्या हश्र होगा आने वाला समय ही बताएगा.

इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि पार्टी को सरकार की योजनाओं का माइलेज तो मिलता है, लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ता साल में 365 दिन काम करते हैं. यही वजह है कि पार्टी चुनाव में अच्छा परफॉर्म करती है. उन्होंने कहा यह सर्वविदित है कि महिलाओं, किसानों और युवाओं के लिए सरकार ने क्या-क्या काम किए हैं और इसका असर चुनाव में निश्चित रूप से देखने को मिलेगा.

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