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पुलिसिया कार्रवाई से क्षुब्ध महिला ने बोकारो एसपी से मांगी इच्छा मृत्यु, ससुराल वालों पर लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 9, 2023, 4:59 PM IST

Updated : Dec 9, 2023, 5:16 PM IST

Woman demands euthanasia from Bokaro SP. दहेज प्रताड़ना से पीड़ित महिला ने पुलिसिया कार्रवाई से क्षुब्ध होकर एसपी से इच्छा मृत्यु की मांग की है. महिला ने अपने पति और ससुरालवालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. घटना बोकारो जिले के कसमार थाना क्षेत्र की है.

woman demands euthanasia from Bokaro SP
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महिला ने बोकारो एसपी से मांगी इच्छा मृत्यु

बोकारो:जिले के कसमार थाना क्षेत्र के खैराचातर निवासी 20 वर्षीय स्नेहा कुमारी ने अपने ससुराल वालों की प्रताड़ना और पुलिस की कार्यशैली से तंग आकर इच्छामृत्यु की मांग की है. शनिवार को स्नेहा ने बोकारो एसपी से मिलकर न्याय की मांग को लेकर शिकायत की, हालांकि एसपी ने कहा है कि वह मामले की दोबारा जांच कराएंगे. स्नेहा का आरोप है कि शादी के बाद उसके पति ने उसे प्रताड़ित किया और जबरन गर्भपात कराया, लेकिन मेडिकल ऑफिस से गर्भपात के कागजात लेने के बाद भी अनुसंधानकर्ता ने उसे न तो शोध में शामिल किया और न ही कोर्ट में सरेंडर किया. जिसके चलते आरोपी को जमानत मिल गई. इस पर पीड़िता ने नाराजगी जताई है और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.

क्या है मामला:पीड़िता ने बताया कि उसकी शादी 17 नवंबर 2022 को चास निवासी सूरज दत्ता से हुई थी. बाद में 19 सितंबर 2023 को बोकारो जिला अंतर्गत बेरमो के महिला थाना में पीड़िता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ प्रताड़ना का मामना दर्ज कराया था. पीड़िता ने बताया कि मेरे ससुराल वालों ने मुझे अमानवीय यातनाएं दीं. मेरे पति सूरज दत्ता बंद कमरे में मेरे साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते थे.

मेरे पति के साथ-साथ मेरे ससुराल वाले दहेज और अन्य चीजों की मांग करते हुए मुझे तरह-तरह से प्रताड़ित करते थे. इसी क्रम में मैं गर्भवती हो गयी लेकिन मेरे पति ने मुझ पर गर्भपात कराने का दबाव डाला. जब मैंने मना किया तो मुझे पीटा गया और पेट में लात मारकर गर्भ में पल रहे बच्चे को मार डाला गया. इससे मेरी तबीयत बिगड़ गई और लगातार ब्लीडिंग होने लगी. 1 जुलाई 2023 को मुझे बोकारो के एक निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां जबरन मेरा गर्भपात करा दिया गया.

आईओ पर पैसे मांगने का आरोप:स्नेहा का आरोप है कि इस केस की आईओ सरिता गाड़ी को 2 अक्टूबर 2023 को ही डॉ. आरती शुक्ला से मेडिकल रिपोर्ट मिल गई थी, लेकिन बार-बार कहने के बावजूद दो महीने तक केस डायरी में इसे संलग्न नहीं किया गया. जब हमने अनुरोध किया तो उन्होंने खुलेआम पैसे की मांग की.

स्नेहा ने बताया कि वह पैसे देने में असमर्थ थी. अंततः इसे केस डायरी में संलग्न नहीं किया गया, जिसके कारण आरोपित पति को बोकारो कोर्ट से जमानत मिल गयी. जमानत मिलने के बाद केस डायरी भेजी गई, लेकिन उसमें असल तथ्य छिपा दिए गए. आईओ को रिपोर्ट 2 अक्टूबर को मिली थी, लेकिन डायरी में 30 नवंबर का जिक्र था.

वैज्ञानिक जांच के दिए गए आदेश:इस मामले में बोकारो एसपी प्रियदर्शी आलोक ने पुलिस अधिकारी का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले के अनुसंधानकर्ता को बदल दिया गया है और वैज्ञानिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने इच्छामृत्यु मांगने की बात से इनकार किया. बता दें कि महिला ने इस संबंध में राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है और मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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Last Updated : Dec 9, 2023, 5:16 PM IST

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