बोकारो: जिले के चास में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजबूर मजदूर सांप के साथ रहने को विवश हैं. मजदूरों को यह भय सता रहा है की हम कोरोना से तो बच गए कहीं सांप काटने से न मर जाएं. क्वॉरेंटाइन सेंटर में समय पर खाना भी नहीं मिल रहा है, जिसके कारण लोगों ने जमकर बवाल किया. क्वॉरेंटाइन सेंटर के इस खस्ता हाल को कोई देखने वाला नहीं है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेशों से काम कर वापस लौटे हैं. कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में बनाए गए क्वरेंटाइन सेंटर में साफ सफाई का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुविधाओं के अभाव को लेकर लोगों ने जमकर हंगामा किया. मजदूरों ने कहा की हमें यहांकहा गया था की आप लोग ग्रीन जोन से आए हैं, दो-तीन दिनों में छोड़ दिया जाएगा, लेकिन यहां रेड जोन से भी लोग आए हैं, जिनके साथ हमें बिना सोशल डिस्टेंसिंग के रखा जा रहा है. उन्होंने कहा की क्वॉरेंटाइन सेंटर में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, सभी जगह सांप घूम रहे हैं, हमें मरने को विवश कर दिया गया है.