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विस्थापित लोगों के गांव का रास्ता अनाधिकृत बताकर बंद कर रही रेलवे, ग्रामीण कर रहे विरोध

बोकारो स्टील प्लांट निर्माण के लिए कुछ गांव के लोगों को विस्थापित किया गया था. जिसमें से विस्थापित हुए लोगों के महेशपुर गांव के रास्ते को रेलवे बंद कर रही है जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

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Published : Jul 15, 2022, 7:02 PM IST

Railway closing displaced village way in Bokaro
Railway closing displaced village way in Bokaro

बोकारो: रेलवे की ओर से बोकारो स्टील प्लांट निर्माण में विस्थापित हुए लोगों के महेशपुर गांव के रास्ते को बंद किया जा रहा है. जिसके खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित नजर आ रहे हैं. रेलवे अधिकारी जब इस रास्ते को बंद करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए रेलवे के काम को रोक दिया और रेलवे द्वारा लाए गए जेसीबी को वापस लौटा दिया.

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गांव के रास्ते को क्यों बंद कर रही है रेलवे:ग्रामीण रेलवे लाइन से होकर अपने गांव तक जाते हैं, जिसकी आबादी दो हजार के करीब है. पिछले 17 सालों से ग्रामीण वैकल्पिक रास्ते की मांग कर रहे हैं लेकिन, रेलवे की ओर से अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वर्तमान में तलगाड़िया तुपकाडीह रेल लाइन के दोहरीकरण का काम किया जा रहा है. इसी को लेकर महेशपुर के रास्ते को रेलवे की ओर से बंद किया जाना आवश्यक बताया जा रहा है.

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रेलवे और ग्रामीणों के अपने-अपने पक्ष: रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह रास्ता अनाधिकृत है. रास्ते की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी है, रेलवे अपना काम कर रही है. जबकि ग्रामीणों का कहना है कि वे इस रास्ते से होकर वर्षों से आना-जाना कर रहे हैं. बच्चे इसी रास्ते से होकर पढ़ाई करने भी जाते हैं. अगर रास्ते को बंद कर दिया जाएगा तो ग्रामीणों का संपर्क दूसरे इलाकों से पूरी तरह टूट जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे अंग्रेजों से अधिक शासन कर रही है. उन्होंने कहा 1982 ग्रामीण रास्ते को काटकर रेलवे लाइन बिछाया गया था, 35 सालों बाद रेलवे इस रास्ते को अनाधिकृत बता रही है. ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी कीमत पर इस रास्ते को बंद करने नहीं देंगे.

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