बोकारोः चास प्रखंड के कोलबेंदी गांव में पीडीएस दुकानदार के द्वारा वितरण किए जाने वाले चावल में प्लास्टिक चावल की मात्रा पाई गयी. मामला सामने आने के बाद आपूर्ति विभाग रेस हो गया है. इस मामले की जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रकाश सिंह ने मामले की जांच करते हुए चावल के सैंपल को प्रयोगशाला भेजने की बात कही है. इस मामले में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने संबंधित पीडीएस संचालक को भी स्पष्टीकरण पूछा है. हालांकि डीएसओ ने प्लास्टिक वाला चावल होने से इनकार भी किया है.
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बोकारो में पीडीएस डीलर के द्वारा लाभुकों को प्लास्टिक वाला चावल का वितरण किया गया है. राशन कार्डधारियों के द्वारा जिला प्रशासन को सूचना दी गयी कि कोलबेंदी गांव में जितेन बाउरी और मोमिन ग्रुप के पीडीएस दुकान के द्वारा वितरण किए गए चावल में सफेद रंग के चावल की कुछ मात्रा पाई जा रही है. ग्रामीण इसे प्लास्टिक वाला चावल बता रहे हैं. इसे बनाने में भी काफी दिक्कत हो रही है. इस सूचना पर डीएसओ प्रकाश सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों द्वारा घर से लाए गए सफेद चावल की जांच की. इस दौरान उन्होंने पीडीएस दुकान में रखे खुले बोरे में सफेद चावल काफी कम मात्रा में पाई. लेकिन बंद बोरे को जब खोला गया तो उसमें सफेद चावल की मात्रा नहीं पाई गयी. ग्रामीणों के सामने डीएसओ ने इसकी जांच की और मौके से उन्होंने चावल का सैंपल कलेक्ट करते हुए इसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने की बात कही है.
डीएसओ प्रकाश सिंह ने बताया कि चावल कहीं से भी प्लास्टिक का नहीं समझ में आ रहा है, उसे चबाने से वह पूरी तरह से कट भी रहा है. लेकिन लोगों की शिकायत मिली है तो इसकी जांच कराना जरूरी है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण घर से चावल को चुनकर लाया था. बोरे में इसकी मात्रा बहुत कम पाई गयी है. इस मामले में मिल प्रबंधन से भी बात की गयी है. उन्होंने इस तरह के नए चावल के उत्पादन की भी बात कही है. उपायुक्त के निर्देश पर मामले की जांच कर की गई और इसे प्रयोगशाला भेजा जा रहा है.