बोकारोः गढ़वा के भवनाथपुर से आये मजदूर बोकारो स्टील प्रशासनिक भवन के समक्ष बेमियादी धरना पर बैठे हैं. इस प्रदर्शन के तीसरे दिन शनिवार को सैकड़ों की संख्या में मजदूरों के अनिश्चितकालीन धरना के पक्ष में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी वार्ता के लिए पहुंचे. इसी दौरान सीआईएसएफ ने मजदूरों पर लाठीचार्ज किया और धरना दे रहे मजदूरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा.
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गढ़वा के मजदूरों पर लाठीचार्ज के दौरान वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. इस लाठीचार्ज में दर्जनों मजदूर घायल हो गए, लगभग आधा दर्जन लोगों के हाथ पैर टूट गये हैं. लाठी लाठीचार्ज के बाद घटनास्थल पर पत्थर और जूते चप्पल का ढेर लगा हुआ नजर आाया. जानकारी के मुताबिक भवनाथपुर निवासी सुखदेव यादव, जय कुमार राय नगर उंटारी, इंटक झारखंड के प्रदेश सचिव पवन पासवान, विश्वनाथ साव, लखीराम मांझी के हाथ पैर टूट गये हैं.
धरना स्थल पर पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को भी मामूली चोटें लगी हैं पानी के बौछार और भाग-दौड़ में वो जमीन पर गिर गए. पूर्व मंत्री ने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत उन पर लाठीचार्ज करायी गई है. किसी राजनीतिक व्यक्ति के द्वारा बोलकर टारगेट करके लाठीचार्ज करवाया गया है. उन्होंने सीआईएसएफ जवानों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस और बोकारो स्टील के सुरक्षाकर्मियों के रहने के बावजूद सीआईएसएफ अधिकारियों और जवानों ने अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर लाठीचार्ज किया है.
पूर्व विधायक केएन त्रिपाठी ने कहा कि 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी बोकारो स्टील के अधिकारियों ने इन मजदूरों की सुध नहीं ली, कोई भी अधिकारी इनसे वार्ता करने नहीं पहुंचा. इसके बाद वो शांतिपूर्ण तरीके से प्रबंधन से वार्ता करने के लिए पहुंचे लेकिन प्रबंधन से वार्ता कराने के बजाय सीआईएसएफ में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर निकल कर मजदूरों पर लाठीचार्ज किया, बिना महिला पुलिसकर्मी के महिलाओं को भी पीटा गया.
मजदूर क्यों दे रहे धरनाः सेल बोकारो स्टील के द्वारा गढ़वा के भवनाथपुर स्थित तुलसीदामर के डोलोमाइट और चूना पत्थर खदान को 16 फरवरी 2020 को बंद कर दिया गया. इन खदानों के बंद होने से यहां काम कर रहे मजदूर बेकार हो गये और उनके आर्थिक स्थिति खराब हो गई. दोनों ही प्लांट में 3 हजार से अधिक मजदूर काम कर रहे थे. ये तमाम मजदूर अपनी मांगों को लेकर गढ़वा से चलकर बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन के पास खदान को खोलने की मांग करते हुए उचित राशि की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगें पूरी ना होने तक उन्हें गेट के पास 22 जून से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये.