बोकारो: नक्सली गतिविधियों के लिए कुख्यात गोमिया का झुमरा अब केसर की खेती के लिए मशहूर हो गया है. कभी जिस इलाके में माओवादियों की चहलकदमी और गोलियों की गूंज साधारण बात थी, वहीं अब यहां बदलाव की बयार बह रही है. इलाके में बारूद की गंध के बजाय केशर की खुशबू बिखर रही है.
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बोकारो में कश्मीर का केसर :बोकारो के उग्रवाद प्रभावित गांव गोमिया के झुमरा में केसर की खेती की जा रही है. पहाड़ी की तलहटी में बसे इस गांव में किसान अनिल महतो अपनी 80 डिसमिल जमीन पर केसर की खेती कर इस क्षेत्र में खेती की नई संभावनाओं का द्वार खोल दिया है. आज उनके खेत में केसर के फूल लहलहा रहे हैं. खेतों में तैयार फसलों को देखकर दूसरे किसान भी इसकी खेती की योजना बना रहे हैं
लॉकडाउन के दौरान मिली प्रेरणा: किसान अनिल की माने तो केसर की खेती का आइडिया उन्हें लॉक डाउन के दौरान आया और फिर परंपरागत खेती से हटकर कुछ नया करने की चाहत ने उन्हें केसर की खेती के लिए मजबूर कर दिया. उनके चाहत को पूरा करने में सोशल मीडिया सहायक बनी. किसान अनिल बताते हैं कि उन्हें यूट्यूब से इसकी खेती की पूरी जानकारी ली और फिर काम शुरू कर दिया. थोड़े से मेहनत के बाद उनके खेतों में आज केसर की फसल लहलहा रही है.
खेती के बाद बाजार की जरूरत:यूट्यूब से जानकारी हासिल कर केसर की खेती में सफलता हासिल करने वाले किसान अनिल अब इसकी मार्केटिंग को लेकर आशंकित हैं. वो कहते हैं खेतों में तो फसल को लहलहा दिया लेकिन इसका बाजार कहां मिलेगा और कितना मुनाफा मिलेगा इसको लेकर वे चिंतिंत हैं. उन्होंने सरकार से इसकी बिक्री के लिए मदद की मांग की है ताकि इस क्षेत्र में केसर की खेती को और बढ़ावा मिल सके.