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Bokaro Crime News: भू माफियाओं की मारपीट से घायल आदिवासी की इलाज के दौरान मौत, परिवारवालों ने लगाए ये आरोप

बोकारो में भू माफियाओं ने एक आदिवासी की जान ले ली. इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. परिवार के लोगों ने जिला प्रशासन को इसके लिए दोषी माना है.

Bokaro Crime News
बोकारो भूमाफियाओं ने ली आदिवासी की जान

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Published : May 25, 2023, 2:15 PM IST

जानकारी देते जिला परिषद सदस्य सुनीता टुडू और स्वजन

बोकारो:आदिवासियों के हितों की रक्षा का दावा करने वाली हेमंत सरकार के रहते हुए राज्य के आदिवासी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. ताजा घटना बोकारो जिले की है. भू माफिया ने आदिवासी जमीन पर कब्जा करने की नियत से एक आदिवासी व्यक्ति की जान ले ली है. सीएनटी जमीन का दावा करने वाले मृतक सुरेश कुमार मुर्मू के परिजनों ने जिला प्रशासन पर भू माफियाओं के ऊपर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.

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क्या है मामला:बोकारो के पिंडाजोरा थाना क्षेत्र के तेलीडीह मौजा में खाता संख्या 309 में 81 डिसमिल जमीन है. इसे अपनी पुश्तैनी जमीन बताने वाले धनंजय मुर्मू ने बताया कि सुबह जब अपनी जमीन में गए तो कुछ और ही देखने को मिला. भू माफियाओं द्वारा जेसीबी लगाकर कार्य किया जा रहा था. रोकने पर वहां से मजदूर भाग गए. मगर कुछ देर के बाद भू माफिया के लोग हथियार से लैस होकर पहुंचे और सुरेश कुमार मुर्मू और उसके परिजनों के ऊपर हमला बोल दिया. जिसमें 6 से अधिक लोग घायल हो गए. आनन-फानन बोकारो सदर अस्पताल पहुंचाया गया. सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने सुरेश मुर्मू को गंभीर बताते हुए बीजीएच भेज दिया. जहां बुधवार की देर रात उसकी इलाज के क्रम में मौत हो गई. मौत की खबर सुनते ही कई आदिवासी नेता व समाज के लोग बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचे और चेतावनी देते हुए भू माफिया की गिरफ्तार की मांग की प्रशासन से की.

जान से मारने की धमकी:धनंजय मुर्मू ने बताया कि इस हमले में उसके परिवार के अलावा अन्य सदस्य भी बुरी तरह से घायल हैं. सुरेश मुर्मू की मौत हो चुकी है. कहा कि जिला प्रशासन हमारी बातों को गंभीरता से नहीं ले रहा है. उन्हें भू माफियाओं द्वारा जान मारने की धमकी दी गई थी. इस पर कार्रवाई की बात को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पास लिखित आवेदन देकर गुहार लगाई थी. एक दिन पूर्व भी थाने में आवेदन भी दिया गया था. मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई. प्रशासन अगर कार्रवाई करता तो स्थिति अलग होती.

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