बोकारो:दहेज हत्या के मामले में बोकारो की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की. जिसमें अदालत ने दहेज लोभी पति, उसकी मां और पिता को हत्या का दोषी पाते हुए 10 साल के सश्रम कारावास की सजा (10 Years Imprisonment In Dowry Murder Case) सुनाई है. घटना बालीडीह के कनारी टोला में 2019 में हुई थी. शादी के चार महीने बाद मंजू कुमारी की गला दबा कर हत्या कर दी गई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था और न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. तब से सभी जेल में थे.
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शादी के बाद दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे ससुराल पक्ष के लोगःबोकारो कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चतुर्थ योगेश कुमार सिंह (Additional Sessions Judge IV Yogesh Kumar Singh) ने लालचंद हेंब्रम (36), उसके पिता लखी राम मांझी (68) और माता संजोती देवी (55) को आईपीसी की धारा 304बी/34 के तहत दोषी ठहराया और 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इस केस के विशेष लोक अभियोजक राकेश कुमार राय ने बताया कि घटना छह नवंबर 2019 को बालीडीह में हुई थी. मंजू देवी की उम्र उस समय 24 साल थी. उसकी शादी 18 जून 2019 को लालचंद से हुई थी. जिसके करीब चार महीने बाद यह घटना हुई. शादी के तुरंत बाद लालचंद और उसके माता-पिता ने 50 हजार रुपए नगद और एक मोटरसाइकिल की मांग शुरू कर दी थी.
नवंबर 2019 को हुई थी मंजू कुमारी की हत्याः बोकारो जिला कोर्ट के लोक अभियोजक ने बताया कि आरोपित परिवार लड़की के परिवार वालों पर दबाव बनाने के लिए लड़की को प्रताड़ित भी करते थे. शिकायत दर्ज कराने वाले मृतक के पिता सुधीर मांझी ने कहा कि उनकी मांग के एवज में उन्होंने 20,000 रुपए नगद बेटी के ससुराल वालों को दिए थे, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे, जिसे वह भुगतान करने में असमर्थ थे. छह नवंबर 2019 को ससुरालवालों ने उनकी बेटी की गला दबाकर हत्या कर (Dowry Murder Case Hearing In Bokaro District Court) दी. लोक अभियोजक ने कहा कि लड़की के घरवाले जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी के नाक से खून निकल रहा था और शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे. साथ में चूड़ियां टूटी हुईं थी. जो स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि उसकी हत्या की गई है.