रांचीः अमर शहीद वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जाने का विरोध दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. राज्य के कई आदिवासी सामाजिक संगठन एकजुट होकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
एकलव्य आवासीय स्कूल का विरोधः 9-11 नवंबर तक सीएम हाउस के पास प्रदर्शन करेंगे आदिवासी सामाजिक संगठन
रांची में बन रहे एकलव्य आवासीय विद्यालय का आदिवासी सामाजिक संगठन विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर विभिन्न संगठनों ने आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए आगामी 9 से 11 नवंबर तक सीएम हाउस के सामने धरना और 16 नवंबर को कांग्रेस भवन के घेराव का ऐलान किया है.
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आदिवासी सामाजिक संगठन आगामी 9 से 11 नवंबर तक मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनायी है, साथ ही 16 नवंबर को कांग्रेस भवन का भी घेराव करेगी. इसके बाद भी सरकार और प्रशासन आवासीय विद्यालय का निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाती है तो आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
अमर शहीद वीर बुधु भगत के जन्म स्थल सिलंगाई में उनके नाम से 52 एकड़ जमीन चिन्हित किया गया है, जहां वीर बुधु भगत की जयंती पर जतरा मेला का आयोजन होता है. इस जमीन पर केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय की ओर से एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाए जा रहा है. जो की आदिवासी समाज के एक बड़े तबके को मंजूर नहीं है, लिहाजा आदिवासी समाज इसका पुरजोर विरोध कर रहा है. आदिवासी समाज की मांग है कि वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित पर आवासीय विद्यालय ना बनाकर क्षेत्र के कहीं दूसरी जमीन पर विद्यालय बनाया जाए. जिससे समाज के लोगों को इस विद्यालय का लाभ मिले और स्वतंत्रता सेनानी रहे वीर बुद्धू भगत का अस्तित्व भी बरकरार रहे.
अमर शहीद वीर बुधु भगत के नाम से चिन्हित जमीन पर जैसे ही आवासीय विद्यालय बनाए जाने का योजना लायी गयी. आदिवासी समाज इसके विरोध में सड़क पर उतर आए हैं. केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद सुदर्शन भगत और विधायक बंधु तिर्की का पुतला दहन कर लगातार चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं, इसके बाद भी स्कूल का निर्माण कार्य जारी है.
अमर शहीद वीर बुधु भगत कोल आंदोलन के महानायक थे. जिन्होंने 1831-32 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन छेड़ा और अंग्रेजों को लोहा मनवाया. इस वजह से आदिवासी समाज इसे अपना धरोहर मानती है. यही वजह है कि इसके अस्तित्व को मिटने नहीं देना चाहती.
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