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मंत्री साहब जरा इधर भी दें ध्यान, घंटी आधारित शिक्षकों की है कई पीड़ा

झारखंड में घंटी आधारित शिक्षकों का कहना है कि 7 में से उन्हें केवल 4 घंटी मिल पाती है, जिसकी वजह से उन्हें उचित मानदेय नहीं मिल पाती है. मामले में विभागीय मंत्री चंपई सोरेन को भी इसकी जानकारी दी गई, लेकिन इस ओर गौर नहीं किया गया.

Teacher meets CM and Minister regarding their demands in ranchi
शिक्षकों की मांग

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Published : Feb 15, 2020, 4:55 PM IST

रांची: झारखंड में कल्याण विभाग की ओर से संचालित स्कूलों के घंटी आधारित शिक्षकों ने एक बार फिर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई है. शिक्षकों से जुड़े संघ ने राजधानी रांची में एक बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है.

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गौरतलब है कि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावे विभागीय मंत्री चंपई सोरेन से भी मुलाकात की है, लेकिन अब तक इनकी मांगों की ओर गौर नहीं किया गया है. बताया जा रहा कि झारखंड में कल्याण विभाग की ओर से 300 से अधिक सरकारी स्कूल संचालित की है और इन स्कूलों में पठन-पाठन बेहतर तरीके से कराया जा सके.

इसे लेकर नियमित शिक्षकों के अलावे घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली की गई है. लेकिन इन शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है. इसके साथ ही उचित मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि 10 बजे से लेकर 4:30 बजे तक कक्षाएं संचालित होती है. उस दौरान सात घंटी की पढ़ाई होती है, लेकिन इन शिक्षकों को मात्र 4 घंटी ही दी जाता है. इस वजह से घंटी आधारित शिक्षकों को उचित मानदेय नहीं मिल रहा है.

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वहीं, लगातार इस मामले को लेकर शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों के अलावे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अवगत कराया है. विभागीय मंत्री चंपई सोरेन को भी इस मामले की जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक इनकी मांगों की ओर गौर किसी ने नहीं किया है. एक बार फिर इन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें 60 वर्ष के लिए विभाग समायोजित करें और उचित वेतन दे. नहीं तो राज्य भर के घंटी आधारित शिक्षक आंदोलन को विवश होंगे.

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