रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार सुनील तिवारी को झारखंड के बाहर से गिरफ्तार किया गया है. जिसके लिए रांची पुलिस की एक विशेष टीम लगातार छापेमारी कर रही थी. सुनील तिवारी के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में 16 अगस्त को दुष्कर्म, छेड़छाड़ और एसटी-एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. सुनील तिवारी ने इस मामले को लेकर अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद से ही वह फरार चल रहे थे.
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घरेलू नौकरानी ने दर्ज करवाया है रेप का मामला
16 अगस्त को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर अरगोड़ा थाना में दुष्कर्म, छेड़छाड़ और एसटी-एससी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर में पीड़ित ने बताया था कि खूंटी की रहनेवाली लक्ष्मी बाखला ने उसे सुनील तिवारी के घर पर काम पर रखवाया था. यहां रहकर वह कॉलेज में पढ़ने जाती थी, इसके बाद घर का कामकाज भी करती थी.
युवती का आरोप है कि मार्च 2020 में सुनील तिवारी ने घर की छत पर उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद उन्होंने इसे लेकर माफी भी मांगी कि शराब के नशे में गलती हो गई. लेकिन बाद में वह उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे. युवती ने बताया कि बाद में परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया था. युवती ने अरगोड़ा थाना में दिए आवेदन में बताया है कि फोन पर भी उसे धमकी दी गई थी. युवती के बयान पर सुनील तिवारी के खिलाफ 376 (1), 354 ए, 354 बी, 504, 506 आईपीसी और एसटी-एससी एक्ट की संगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
श्रम कानून के उल्लंघन का भी दर्ज है मामला
सुनील तिवारी पर बाल श्रम कानून के तहत भी मामला दर्ज है. श्रम अधीक्षक सह बालक एवं किशाेर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) के निरीक्षक अविनाश कृष्ण की ओर से अरगोड़ा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष के द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में यह केस दर्ज किया गया है. इसमें कडरू एजी कॉलोनी के रहने वाले सुनील तिवारी को आरोपी बनाते हुए कहा गया है कि उनके घर में रहने वाली बच्ची की उम्र 13 वर्ष है. जिसे बाल श्रम कानून का उल्लंघन कर रखा गया था. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए नियम के अनुसार 20 हजार रुपया चाइल्ड लेबर रिहैबिलेशन कम वेलफेयर फंड रांची में जमा करने की बात भी कही गई है.