रांची: सूबे की राजनीति में हमेशा 'सेंटर प्वाइंट' में रहने वाले आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के लिए आगामी विधानसभा चुनाव निर्णायक साबित होने जा रहा है. पिछले 5 साल में तीन बार अलग-अलग चुनाव में करारी शिकस्त झेलने वाले सुदेश महतो सिल्ली का अपना पुराना किला फिर से हासिल करने में लगे हैं. जिस सिल्ली विधानसभा सीट से सुदेश महतो साल 2000, 2005 और 2009 में विधायक बने, उस सिल्ली सीट पर एक बार विधानसभा चुनाव जबकि दूसरी बार उपचुनाव हार चुके हैं. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में सिल्ली विधानसभा सीट से उन्हें झामुमो के अमित महतो ने हराया. जबकि 2018 में उसी सीट पर हुए उपचुनाव पर अमित महतो की पत्नी सीमा महतो ने सुदेश महतो को धूल चटाई.
5 साल में तीन बार देख चुके हैं हार का मुंह
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद सुदेश महतो सबसे कम उम्र के गृह मंत्री बने. 2000 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद लगातार 2009 तक तीन बार सिल्ली से विधायक भी रहे लेकिन 2014 में पासा पलटा और झामुमो के अमित महतो ने उन्हें हराया. अमित महतो को सुदेश महतो के मुकाबले 29 हजार अधिक मत पड़े. बाद में अमित महतो को न्यायालय से एक मामले में सजा दिए जाने के बाद उन्हें झारखंड विधानसभा के लिए अयोग्य करार कर दिया गया. सिल्ली विधानसभा सीट पर 2018 में उपचुनाव हुआ लेकिन सुदेश उपचुनाव भी अमित महतो की पत्नी से हार गए. अमित महतो की पत्नी सुदेश महतो को 13 हजार वोटों से हराने में सफल हुई. इतना ही नहीं इससे पहले 2014 में दिल्ली जाने का सपना लिए सुदेश आम चुनाव में भी खड़े हुए रांची लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा लेकिन करारी हार झेलनी पड़ी.