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केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे से सुबोधकांत सहाय ने की मुलाकात, HEC की समस्या से कराया अवगत - Discussion about the problem of HEC

एचईसी की समस्या को लेकर झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने आज (10 सितंबर) केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे से मुलाकत की है. केंद्रीय मंत्री ने उन्हें समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है.

Subodhkant Sahai met Industries Minister Mahendra Nath Pandey
उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे से सुबोधकांत सहाय ने की मुलाकात

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Published : Sep 10, 2021, 2:31 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे से आज (10 सितंबर) मुलाकात की है. उद्योग भवन में करीब 30 मिनट तक चली इस मुलाकात में HEC की मौजूदा हालत पर चर्चा की गई.

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एचईसी की समस्याओं से कराया अवगत

मुलाकात के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि एचईसी को किस तरह बंद होने से बचाया जाय, इसको लेकर केंद्रीय मंत्री से वार्ता हुई है. उन्होंने बताया कि एचईसी से जुड़ी सभी समस्याओं से माननीय मंत्री को अवगत कराया गया है. एचईसी और उस पर निर्भर कर्मचारियों और उनके परिवारों का पुनरुद्धार हो इसके लिए भी केंद्रीय मंत्री से चर्चा की गई है.

झारखंड का गौरव है एचईसी

सुबोधकांत सहाय ने कहा कि झारखंड के गौरव एचईसी को फिर से पुराने दिनों में वापस किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एचईसी पर हजारों परिवार आश्रित है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों परिवारों की रोजी-रोटी एचईसी से ही चलती है. ऐसे में उन परिवारों का ख्याल रखना आवश्यक है. सुबोंधकांत सहाय ने कहा कि उन्हें महेंद्र नाथ पांडे से हर संभव मदद का आश्वासन मिला है.

एचईसी की आर्थिक हालत खराब

बता दें किहैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC) की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. कंपनी का इस्पात, खनन, रेलवे, बिजली, रक्षा, अंतरिक्ष अनुसंधान, परमाणु क्षेत्र में देश के लिये पूजीगंत उपकरणों की आपूर्ति में बड़ा योगदान रहा है. इसके बावजूद कामगारों और मजदूरों को वेतन नहीं मिलने की समस्या बनी रहती है. कभी भारी मशीनरी के निर्माण के क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा उपक्रम रहा HEC आधुनिकीकरण के अभाव में बदहाल हो गया है. पुरानी मशीनें, स्थायी सीएमडी की नियुक्ति नहीं और 2017 से लंबित पे रिवीजन की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से इसकी हालत खराब हो गई है.

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