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रांची विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग साबित हो रहा सफेद हाथी, विद्यार्थियों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं

रांची विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग को लगभग 30 सालों के बाद नया भवन मिला. इस भवन में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस है. बावजूद इसके इसका लाभ यहां के स्टूटेंट्स को नहीं मिल पा रहा है.

Department of Journalism and Mass Communication In ru
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Published : Oct 2, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 5:59 PM IST

रांची:रांची विश्वविद्यालय का पत्रकारिता और जनसंचार विभाग को लगभग 30 सालों से अधिक समय से राजनीति शास्त्र विभाग के दो कमरों में बिताने के बाद अब नया भवन मिल गया है. अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ इस भवन को तैयार किया गया है. लेकिन इस भवन का समुचित लाभ पत्रकारिता से जुड़े छात्र नहीं उठा पा रहे हैं और यह भवन सफेद हाथी साबित हो रहा है.

लगभग 30 सालों से अधिक समय से राजनीति शास्त्र विभाग के दो कमरों में रांची विश्वविद्यालय की ओर से पत्रकारिता विभाग का संचालन किया जा रहा था. नए भवन की मांग एक लंबे समय से उठ रही थी. 27 जनवरी 2021 को पत्रकारिता विभाग को अपना नया भवन में मिल गया. निवर्तमान राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस इस भवन का उद्घाटन किया था और उस दौरान उन्होंने कहा था कि पत्रकारिता से जुड़े विद्यार्थियों को इस विभाग से काफी लाभ मिलेगा. लेकिन अत्याधुनिक भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद विद्यार्थियों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा है.

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3 करोड़ों रुपए की लागत से बनाया गया भवन
लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से बना यह भवन सिर्फ और सिर्फ भवन बनकर ही रह गया है. रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग वोकेशनल कोर्स का सबसे पुराना विभाग है. इसी के मद्देनजर इस भवन को तैयार किया गया है. इस भवन में ऑडिटोरियम, स्मार्ट क्लासरूम, स्टूडियो और पत्रकारिता में प्रैक्टिकल के लिए लगने वाले सारी व्यवस्थाएं तो हैं लेकिन इक्विपमेंट और फैकल्टी, कर्मचारियों की कमी के कारण विद्यार्थियों को इस भवन का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. कुछ शिक्षकों के पर्सनल इंटरेस्ट और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण यह विभाग संचालित हो रहा है.

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झारखंड की नहीं बल्कि देश के कई बड़े मीडिया समूह में इस विभाग से पढ़कर विद्यार्थी पत्रकारिता कर रहे हैं. देश विदेश में भी यहां के विद्यार्थी कार्यरत है. आरयू के सबसे पुराने वोकेशनल कोर्स का यह विभाग शुरू से ही शिक्षकों, कर्मचारियों और व्यवस्थाओं का मार झेल रहा है. इस और विश्वविद्यालय प्रबंधन को ध्यान देने की जरूरत है.

Last Updated : Oct 2, 2021, 5:59 PM IST

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