रांचीः झारखंड राज्य फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (Jharkhand State Forensic Science Laboratory) की व्यवस्था को दुरुस्त करने की तैयारी राज्य सरकार ने प्रारंभ कर दी है. झारखंड सरकार के गृह सचिव हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान उपस्थित होकर अदालत को यह जानकारी दी है.
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गृह सचिव ने कहा कि राज्य फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की लचर व्यवस्था को दुरुस्त कर ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि जांच के लिए सिंपल को दूसरे जगह भेजने की आवश्यकता नहीं होगी. अदालत ने राज्य सरकार के जवाब पर संतुष्टि जाहिर करते हुए तेजी से व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अद्यतन रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.
झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में एक मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार के गृह सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित हुए. गृह सचिव ने अदालत को बताया कि राज्य के एफएसएल की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से कार्य प्रारंभ कर दिया है. उन्होंने बताया कि व्यवस्था को ठीक करने के लिए टेंडर निकाल दिया गया है, जिससे शीघ्र ही व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा.
इसके साथ ही ऐसी व्यवस्था भी की जाएगी कि जांच के लिए सैंपल अब कहीं दूसरी जगह नहीं भेजना पड़ेगा. अदालत ने गृह सचिव के जवाब पर अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए शीघ्र मामले की कार्य पूर्ण कर व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अद्यतन रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.
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धनबाद के जज की मौत के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले की एफएसएल रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था. सीबीआई ने जांच के लिए ब्लड सैंपल प्रयोगशाला भेजा था. लेकिन राज्य एफएसएल में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच से हाथ खड़े कर दिए थे. सीबीआई की ओर से अदालत में यह जानकारी दी गई. राज्य में यह व्यवस्था नहीं होने के कारण जांच रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के गृह सचिव को बुलाया था.
अदालत ने कहा था कि यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि राज्य में ब्लड और यूरिन जांच करने की भी व्यवस्था नहीं है. उसके बाद सरकार ने लेबोरेटरी की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की तैयारी प्रारंभ की. अदालत को जानकारी दी कि लेबोरेटरी में उचित संसाधन उपलब्ध कराने और उसकी व्यवस्था को ठीक करने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है. सरकार के जवाब पर अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए, आगे की कार्यवाही कर अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया है.