रांची: कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है. यह इसलिए भी जरूरी है कि झारखंड में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक लौटने लगे हैं. जाहिर सी बात है कि अब ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी बढ़ गई है. लिहाजा ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम से बातचीत की.
देखें आलमगीर आलम ने क्या कहा कोरोना को भगाना है
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चीन के वुहान से निकला यह वायरस देश में घुस गया है और इसे मिलकर अपने देश से भगाना है क्योंकि इस वायरस के कारण सब कुछ ठप पड़ा हुआ है.
देखें योजनाओं को लेकर क्या कहा तीन योजनाएं की तैयार
वहीं, प्रवासी श्रमिक घर लौटने को उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ग्रामीण विकास विभाग ने 3 योजनाएं तैयार की जिनके नाम हैं - बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर पितांबर जल समृद्धि योजना और पोटो हो खेल विकास योजना. बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे और गांव के लोगों को बताया जाएगा कि जब वृक्ष से फल निकलने लगेंगे तो उसमें उनकी भी भागीदारी होगी. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए अवसर मुहैया कराकर रोजगार दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि खेल विकास योजना के तहत पंचायत स्तर पर खेल के मैदान विकसित किए जाएंगे. जिसमें लोगों को रोजगार मिलेगा.
देखें शराब की बिक्री पर क्या कहा शराब की बिक्री शुरू
लॉकडाउन के कारण सरकार के खजाने में राजस्व नहीं आ रहा है इसे लेकर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 3 के दौरान कई राज्यों में शराब की बिक्री शुरू कर दी लेकिन झारखंड सरकार ने ऐसा नहीं किया क्योंकि ऐसा होने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है. जहां तक सैलरी की बात है तो उन्होंने कहा कि माइंस सेक्टर से राजस्व मिल रहा है. फिलहाल सरकार विकास के नाम पर किसी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहती है. राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि पहले लोगों को सुरक्षित किया जाए और कोरोना को हराया जाए क्योंकि विकास के काम बाद में भी हो सकते हैं.
देखें प्रवासी मजदूरों को लेकर क्या कहा राज्य सरकार वहन करेगी मजदूरों के रेल किराया का खर्च
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से प्रवासी श्रमिकों के टिकट के नाम पर हो रही वसूली से जुड़े सवाल कहा कि जहां तक उन्हें जानकारी है कुछ एक प्रवासी मजदूरों ने ही कहा है कि उनसे टिकट के बदले पैसे लिए गए हैं. यह गड़बड़ी केंद्र सरकार की वजह से हुई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार घोषणा कर चुकी है कि प्रवासी मजदूरों के रेल किराया का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. इसको लेकर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए.
देखें मंत्री ने पेयजल पर क्या कहा ये भी देखें-IMPACT: प्रवासी मजदूरों को मिला अच्छा भोजन-पानी, व्यवस्था से खुश हुए मजदूर
मंत्री आलमगीर आलम ने लॉकडाउन 17 मई से आगे बढ़ने को लेकर कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. इस नतीजे तक पहुंचने के लिए कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा.