रांची: झारखंड लौट रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति का एक नया चैप्टर खुल गया है. लॉकडाउन दो के दौरान झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा इस सवाल के साथ सरकार को घेर रही थी कि हेमंत सरकार मजदूरों को वापस लाने के नाम पर बहानेबाजी कर रही है. हालांकि लॉकडाउन तीन शुरू होने के बाद झारखंड पहला राज्य बना जहां हैदराबाद से श्रमिकों की पहली खेप स्पेशल ट्रेन से हटिया स्टेशन पहुंची. अब यह सिलसिला जारी है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से बातचीत की.
झारखंड के मजदूरों के साथ कर्नाटक में दुर्व्यवहार हो रहा है, इस पर सुबह के साथ मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई है और मुख्यमंत्री खुद पूरे मामले को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब कोई भी किसी से बंधुआ मजदूरी नहीं करा सकता है. कानून सभी के लिए बराबर है. लिहाजा कर्नाटक में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को हर हाल में वापस लाकर उनके लिए रोजगार सुनिश्चित कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि नसेफी रोजगार देने की तैयारी है बल्कि सभी प्रवासी मजदूरों को नए सिरे से बसाने को लेकर भी योजना बनाई जा रही है.
बारातियों की तरह प्रवासी मजदूरों को मिल रही है इज्जत