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रांची के पहाड़ी मंदिर में श्रावण महीने को लेकर विशेष इंतजाम, दो साल बाद भक्त करेंगे जलाभिषेक

रांची के पहाड़ी मंदिर में श्रावण महीने की तैयारी पूरी कर ली गई है. दो साल बाद श्रावण महीने में भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकेंगे.

Special arrangements for the month of Shravan
Special arrangements for the month of Shravan

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Published : Jul 10, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Jul 10, 2022, 4:21 PM IST

रांची: 14 जुलाई से श्रावण महीने की शुरुआत हो रही है. जिसे लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं 18 जुलाई को पहली सोमवारी है. राज्यभर के शिवालयों में श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर तैयारी जोरों पर है. इसी के मद्देनजर रांची का प्रसिद्ध शिवालय पहाड़ी मंदिर में प्रबंधन और जिला प्रशासन के द्वारा व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है.


दो साल के बाद श्रद्धालुओं को इस वर्ष मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मिल जाएगी. पिछले 2 वर्षों से कोरोना के कारण मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति प्रशासन के द्वारा नहीं दी गई थी लेकिन इस वर्ष सभी श्रद्धालुओं अरघा सिस्टम से भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर पाएंगे. पहाड़ी मंदिर में अभी से ही श्रद्धालु पूजा करने पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं ने कहा कि जब भी सावन आता है तो शिव भक्तों में बस यही चाहत होती है कि पहाड़ी मंदिर पहुंचकर वह भगवान शिव की पूजा करें.

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पहाड़ी मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य पंडित मनोज मिश्रा बताते हैं कि सावन से पहले मंदिर प्रबंधन की तरफ से सारी व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. मंदिर के आसपास साफ-सफाई, रंग रोगन के साथ-साथ जिला प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है. उन्होंने बताया कि सावन माह में मंदिर में हजारों की संख्या में लोग आते हैं. जिस वजह से कई बार पूजा करने आए श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ जाती है. इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन की तरफ से स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों की भी तैनाती है और सदर अस्पताल में भी व्यवस्था रखी गई है.वहीं उन्होंने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं के आने और जाने का अलग रास्ता है. एक रास्ते से मंदिर परिसर में घुसने की व्यवस्था की गई है वहीं दूसरे रास्ते से श्रद्धालुओं के निकलने की व्यवस्था की गई है. पंडित मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष भी अरघा सिस्टम से श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि सावन माह में मंदिर में जलाभिषेक के लिए प्रबंधन की तरफ से लोटा, शीतल पेयजल अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है.भीड़ नियंत्रण और जाम से निजात के लिए समिति के लोगों और ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी. वाहनों को मंदिर तक लाए जाने से रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग भी लगाए जाएंगे. गौरतलब है कि रांची के पहाड़ी मंदिर को राज्य का मिनी देवघर का जाता है. जहां पर पूरे राज्य ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग पूजा करने पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
Last Updated : Jul 10, 2022, 4:21 PM IST

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