रांचीःझारखंड राज्य के 10 हजार माध्यमिक शिक्षकों को 27 वर्षों से प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिल पाया है. इसको लेकर शिक्षक संघ की ओर से मांग की जा रही है .इसके बावजूद मामला लंबित है. एक बार फिर इस मांग को लेकर शिक्षक संघ ने चरणबद्ध आंदोलन करने की तैयारी की है.
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शिक्षकों का कहना है कि 1993 से राज्य के 10,000 माध्यमिक शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिला है. इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग लगातार टालमटोल कर रहा है. हाईकोर्ट में इसे लेकर कई केस चल रहे हैं. इसके बावजूद नतीजा कुछ भी नहीं निकला है. माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद का कहना है कि 27 वर्षों से शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिल रहा है. शिक्षक मामले को लेकर लगातार मांग करते रहे हैं .इसे लेकर कई बार आंदोलन भी किया जा चुका है. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
नहीं मिल रहा हक
इस मामले को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने कहा है कि इस राज्य के लिए दुर्भाग्य है कि रिटायर्ड हो रहे प्रधान अध्यापकों की जगह प्रभारी प्रधानाध्यापक रखा जा रहा है. लेकिन जिन शिक्षकों को इसका हक मिलना चाहिए उन शिक्षकों को वह हक इस राज्य में नहीं मिल रहा है.
राज्य के सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की घोर कमी
माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद का कहना है कि राज्य के सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के एक हजार पद रिक्त हैं. 99 फीसदी स्कूल में प्रधानाध्यापक नहीं हैं प्रभारी के भरोसे काम चलाया जा रहा है. वरीयता के आधार पर प्रमोशन भी देना है. 15 वर्षों से तो शिक्षकों को प्रमोशन नहीं मिला है. नवनियुक्त 5 साल के अनुभव रखने वाले शिक्षकों को हाई स्कूल का प्रिंसिपल बनाया जा रहा है, जो बिल्कुल ही गलत है. हम इसके खिलाफ फिर आंदोलन करेंगे.
झारखंड के 10 हजार शिक्षकों को 27 वर्षों से नहीं मिला प्रोन्नत वेतनमान 27 वर्षों से टालमटोल माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद का कहना है कि 27 वर्षों से कई शिक्षक बिना अपना हक पाए रिटायर हो गए. विभाग की उदासीनता के कारण लगातार राज्य के शिक्षक इसे लेकर परेशान हैं और इस वजह से शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है. उनका कहना है कि 1993 से इस मामले को लंबित रखा गया है. जल्द से जल्द यह मामला सरकार को निपटाना चाहिए नहीं तो एक बार फिर संघ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगा.