रांचीःझारखंड में पंचायत चुनाव भले ही बगैर ओबीसी आरक्षण के संपन्न हो गया हो. लेकिन नगर निकाय चुनाव कराना फिलहाल संभव होता नहीं दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने झारखंड सरकार को नगर निकाय क्षेत्र में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मुश्किल में डाल दिया है.
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राज्य निर्वाचन आयोग की सारी तैयारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद धरी की धरी रह गई है. मिली जानकारी के मुताबिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को कमिटी या आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्टिंग कराना होगा. इसके बाद ओबीसी आरक्षण तय हो सकेंगे. इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी पहले से कर रखी है. लेकिन नगरपालिका निर्वाचन क्षेत्र नियमावली में हुए बदलाव के कारण यह चुनाव लटक गया और अब न्यायादेश के कारण फिलहाल संभव होता नहीं दिख रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने बताया कि सरकार की हड़ी झंडी मिलते ही नगर निकाय क्षेत्रों में निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि आयोग ने दो चरणों में चुनाव कराने की तैयारी पहले से कर रखी थी. नियमावली में हुए बदलाव और सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन पर सरकार का निर्णय का इंतजार किया जा रहा है.
जानकारी देते राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव
राज्य में धनबाद, बोकारो, देवघर, मेदनीनगर, गढ़वा, पश्चिम सिंहभूम, गिरिडीह, कोडरमा, गोड्डा, गुमला, सरायकेला- खरसावां, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा जिले में पूर्ण चुनाव या उपचुनाव होना है. धनबाद, चास, देवघर में मेयर सहित पूरे वार्ड का चुनाव होगे. गिरिडीह में मेयर और वार्ड संख्या 9 के पार्षद के लिए उपचुनाव होगा. चाईबासा नगर परिषद, मधुपुर नगर परिषद के अध्यक्ष के लिए मतदान होना है. इसके अलावा मझगांव, कोडरमा, विश्रामपुर, महागामा, चक्रधरपुर नगर परिषद का चुनाव होगा. इसके साथ साथ रामगढ़ और सरायकेला में नगर पंचायत के वार्ड सदस्यों के रिक्त पदों पर भी चुनाव होंगे. राज्य सरकार ने मेयर और नगर परिषद अध्यक्ष का निर्वाचन दलीय आधार पर नहीं कराने का फैसला पहले ही ले चूकी है.