रांची:झारखंड का परिवहन विभाग (Transport Department of Jharkhand) आए दिन अपनी लापरवाही को लेकर चर्चा में रहता है. यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा मामला हो तो परिवहन विभाग की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, लेकिन राजधानी रांची की बात करें तो यहां पर सबसे ज्यादा समस्या सुरक्षा से जुड़ा होता है. दरअसल रांची में चल रही ज्यादातर स्कूल बसें बिना फिटनेस के ही सड़कों पर दौड़ रहीं हैं (School Buses running without fitness certificate). बिना परमिट की दौड़ रही बसों का फिटनेस भी फेल हो चुका है. जिन बसों में मासूम बच्चे बैठते हों उन बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं है. ऐसा करके बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
कहीं आपके बच्चे का भी स्कूल बस तो नहीं है खटारा, बिना फिटनेस के कंडम बसों में मौत का खेल! - Jharkhand news
बच्चे मां बाप के आखों के तारे होते हैं. माता पिता हर लिहाज से अपने बच्चों की सुरक्षा को देखकर ही काम करते हैं. लेकिन रांची में कई स्कूल ऐसे हैं जो पैरेंट्स के इस चिंता को नजर अंदाज कर रहे हैं. ये स्कूल बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के स्कूल बस चला रहे हैं (School Buses running without fitness certificate). ऐसे में हर वक्त बच्चे खतरे का सामना कर रहे हैं. जिला परिवहन पदाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया तो 50 बसें ऐसी पाई गईं जो लापरवाही बरत रहे हैं. अब सभी स्कूलों के अल्टिमेटम दिया गया है कि अगर जल्द ही फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बनवाया गया तो उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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स्कूल बसों के परिचालन के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने कई मानक तय किए हैं. लेकिन अब अधिकांश स्कूल बसों में किसी मानकों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है. कुछ महीन पहले भी राजधानी रांची के कई बसों में अचानक आग लगने की घटना देखी गई है. जिस पर जिला परिवहन पदाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए चेकिंग अभियान भी चलाया था, लेकिन इसके बावजूद भी स्कूल संचालक और वाहन मालिक लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं.
स्कूल बसों में सिर्फ फिटनेस और परमिट ही नहीं बल्कि कई स्कूल बसों में फर्स्ट ऐड बॉक्स (First Aid Box) तक नहीं मिल रहे हैं और अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) भी खराब पड़े हैं. स्कूल बसों में हो रही लापरवाही को लेकर जिला परिवहन पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन की तरफ से स्कूल प्रबंधकों को नोटिस दिया गया है. नोटिस में कहा गया है कि जितने भी बस बच्चों को ढोने में उपयोग किए जाते हैं उन सभी बसों में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बताए गए नियमों का पालन करना होगा, अन्यथा मोटर वाहन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत स्कूल प्रबंधकों पर कार्रवाई की जाएगी.
पूरे मामले पर जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश बताते हैं कि औचक निरीक्षण के दौरान करीब 50 स्कूल बसों में लापरवाही देखी गई है. उन्होंने बताया कि अगस्त महीने से ही करीब 50 बसों के परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट का नवीकरण नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि कई बस मालिक कोरोना काल के दौरान हुए नुकसान की वजह से परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बनवा पा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग की तरफ से बस मालिकों को कोरोना का काल के दौरान लिए जाने वाले टैक्स माफ कर दिया गया है. इसके बावजूद अगर वाहन मालिक वाहनों का फिटनेस और परमिट नहीं बनाते हैं तो वैसे वाहन मालिकों को चिन्हित कर उन पर विभाग के द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश ने बताया कि सभी स्कूल बस मालिकों और स्कूल प्रबंधकों को अल्टीमेटम दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि जल्द से जल्द सभी बसों का नियमानुसार फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट नहीं बनता है तो वाहन मालिक और स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा इन स्कूल बसों का परिचालन भी पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.