रांची: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार एक रुपया भेजती है तो लोगों के पास 15 पैसे पहुंचते हैं. झारखंड इस मामले में कई कदम आगे निकल चुका है. छात्रवृत्ति के लिए भेजी गई रकम से 23 करोड़ रुपए छात्रों के बजाए दूसरों के बैंक खातों के जरिए डकार लिए गए. घोटालों के लिए सुर्खियों में रहे झारखंड में एक बार फिर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है. इस बार छात्रों के हक पर डाका डाला गया है. केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति देने के लिए राज्य सरकार को 61 करोड़ रुपये दिए थे, जिसमें लगभग 23 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है. पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के कार्यकाल में हुए इस घोटाले का खुलासा एक निजी अंग्रेजी अखबार ने किया है.
परत दर परत पड़ताल
रामगढ़ जिले में दुलमी प्रखंड के बोंगासौरी गांव के एक सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसे में सबसे पहले फर्जीवाड़े का पता चला था. मीडिया रिपोर्ट में रामगढ़ के जिस मदरसा फैजुल बारी में फर्जीवाड़े की बात कही गई, जब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो चारों ओर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी थी. स्थानीय लोगों के अनुसार मदरसा लॉकडाउन के समय से बंद है. छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़े की आशंका को लेकर अंजुमन कमेटी ने रामगढ़ डीसी को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की थी. अंजुमन कमेटी ने डीसी को लिखा था कि वित्तीय वर्ष 2019- 20 के दौरान मदरसा में महिलाओं और पुरुषों को सातवीं-आठवीं का स्टूडेंट बताकर छात्रवृत्ति दे दी गई है. इस पूरे मामले में जब हमने जिला कल्याण पदाधिकारी रामेश्वर चौधरी से बात की तो उन्होंने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर 3 सदस्यीय टीम मामले की जांच कर रही है. प्रथम दृष्टया किसी फर्जीवाड़े का साफ पता नहीं चला है लेकिन जांच प्रक्रिया चल रही है.
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कारण बताओ नोटिस जारी
जिन स्कूलों के फर्जीवाड़े की बात सामने आई है, उनके संचालक पशोपेश में हैं. धनबाद में करीब पांच निजी स्कूलों से अल्पसंख्यक छात्रों के छात्रवृत्ति देने का नाम पर फर्जीवाड़ा का पता चला है. ईडन स्कूल गोविंदपुर,मॉडर्न पब्लिक स्कूल चिरकुंडा, संत जेवियर्स मिशन स्कूल बरवाअड्डा और कर्नल पब्लिक स्कूल बाघमारा के संचालकों ने अधिकारियों से एसीबी जांच की मांग की है. संचालकों ने बताया कि वैसे छात्र जिनका स्कूल में कभी दाखिला ही नहीं हुआ, वैसे कई छात्रों के नाम पर 10 से 12 हजार रुपए की छात्रवृत्ति ली गई है. धनबाद के जिला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टलका काम देखने वाले दो कर्मचारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है. दयानंद दुबे ईटीवी भारत को बताया कि जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश हो जाएगा.
अब भी सक्रिय है फर्जीवाड़ा गिरोह
हद तो तब हो गई जब वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी छात्रवृति फर्जीवाड़ा की कोशिश की जा रही थी. यह मामला संत जेवियर्स पब्लिक स्कूल बरवाअड्डा का है. इस स्कूल में मात्र 6 छात्रों का ही एडमिशन का अपडेट पोर्टल पर अपलोड किया गया था. प्रिंसिपल घनश्याम साव ने जब अन्य छात्रों की जानकारी अपलोड करना चाहा तो पासवर्ड फेल हो गया. उन्होंने जब जिला कल्याण पदाधिकारी से संपर्क किया तो पता चला कि उनके मोबाइल नंबर को हटाकर किसी दूसरे का मोबाइल नंबर डाल दिया गया है. मोबाइल नंबर सही करवान के बाद घनश्याम ने जब लॉगिन किया तो देखा कि कुल 341 छात्रों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.