रांची:झारखंड मेंप्रचंड गर्मी के बीच बिजली की लोड शेडिंग ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. राज्य सरकार की दलील है कि वह अतिरिक्त बिजली के लिए ज्यादा पैसे भी देने को तैयार है लेकिन बिजली नहीं मिल रही है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार के मंत्रियों की दलील है कि खपत से ज्यादा बिजली का उत्पादन हो रहा है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए विधायक सरयू राय ने केंद्र और राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.
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सरयू राय के मुताबिक विभागीय सचिव इस मसले पर हाथ खड़े कर चुके हैं. उनका कहना है कि अधिकतम मूल्य देने की पेशकश के बाद भी बिजली नहीं मिल रही है. 1000 मेगावाट बिजली खरीदने के लिये इंडिया एनर्जी एक्सचेंज में अधिकतम 12 रू प्रति मेगावाट की दर से कल से बोली लगाई गई है, फिर भी 100 मेगावाट से अधिक बिजली नहीं मिल पाई. राज्य को बिजली संकट से निपटने के लिए कम से कम 300 मेगावाट बिजली रोजाना खरीदने की व्यवस्था करनी होगी. इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह करना होगा.
सरयू राय ने सवाल किया है कि जब केंद्र के बिजली राज्य मंत्री कहते हैं कि देश में बिजली की जितनी खपत है, उससे अधिक उत्पादन है तो फिर एनर्जी एक्सचेंज में यह बिजली क्यों नहीं आ रही है. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि अधिकतम मूल्य देने के लिये तैयार रहने के बाद भी झारखंड को बिजली क्यों नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को इस बारे में सार्वजनिक रूप से स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के एमडी के के वर्मा का कहना है कि गर्मी की वजह से शाम 6:00 बजे से रात 11:00 बजे तक बिजली की बहुत ज्यादा खपत बढ़ गई है. इसकी वजह से लोड शेडिंग हो रही है. उन्होंने इस पीक आवर में लोगों से कम से कम बिजली से जुड़े उपकरण इस्तेमाल करने की अपील की है. वहीं मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि अतिरिक्त बिजली खरीदने के लिए सरकार की तरफ से राशि आवंटित की जा चुकी है, लेकिन सवाल यह है कि जब अतिरिक्त पैसे देने के बाद भी बिजली नहीं मिलेगी तो फिर इस समस्या का समाधान होगा कैसे.