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बिहार में नकल के सहारे हो रहा अकल का आकलन, चीटिंग के लिए खुला मैदान

परीक्षार्थियों का कहना है कि कॉलेज में भवन के अभाव के चलते हमें जमीन पर बैठकर परीक्षा देनी पड़ती है. जिसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उनका रिजल्ट प्रभावित होता है.

मैदान में परीक्षा देते छात्र

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Published : Oct 26, 2019, 1:49 PM IST

बेतिया: बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक तृतीय खंड के जीएस की परीक्षा में छात्रों ने आरएलएसवाई कॉलेज में जमीन और सीढ़ियों पर बैठकर दी. जिसके चलते कॉलेज की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इन सब परेशानियों के चलते उनका रिजल्ट भी प्रभावित होता है.

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बता दें कि परीक्षा की यह स्थिति सिर्फ आरएलएसवाई कॉलेज में ही देखने को नहीं मिला, बल्कि ऐसा नजारा एमजेके कॉलेज में भी देखने को मिला. जहां कई परीक्षार्थी ने प्रयोगशाला में खड़े-खड़े ही टेबल पर परीक्षा दी.

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विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल
बेतिया के आरएलएसवाई कॉलेज में हुई स्नातक तृतीय खंड के जीएस की परीक्षा ने एक बार फिर विश्वविद्यालय की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. भवन के अभाव में हुई यह परीक्षा मजाक बन गया है. जिस परीक्षार्थी को जहां मन वहां बैठकर उन्होंने परीक्षा दी.

सीढ़ी पर बैठकर परीक्षा देतीं छात्रा

परीक्षा भवन का है घोर अभाव
केंद्र अधीक्षक डॉ. राजेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि अधिक परीक्षार्थियों के कारण केंद्र पर अव्यवस्था की स्थिति खड़ी हो गई, जिससे परेशानी बढ़ गई. साथ ही उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में परीक्षा भवन का घोर अभाव है. इसके लिए विश्वविद्यालय से लेकर सभी पदाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. लेकिन अभी तक आरएलएसवाई कॉलेज में परीक्षा भवन नहीं बनवाया गया है. जिसके चलते परीक्षा के समय यह समस्या विश्वविद्यालय में बार-बार खड़ी होती है. कॉलेज के पास काफी जगह हैं सिर्फ भवन की कमी है.

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रिजल्ट होता है प्रभावित
परीक्षार्थियों का कहना है कि कॉलेज में भवन के अभाव में परीक्षा देने में काफी कठिनाई होती है. जमीन पर बैठकर लिखने में भी दिक्कतें होती हैं. उन्होंने कहा कि जमीन पर बैठकर लिखावट नहीं बनने से उनका रिजल्ट भी प्रभावित होता है.

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