रांची: सेवानिवृत्ति लाभ के मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के द्वारा बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव के द्वारा हाई कोर्ट में शपथ पत्र दायर नहीं किए जाने पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. अदालत ने झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव को 6 सितंबर को हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है. अदालत ने उनसे यह जानना चाहा है कि हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद भी क्यों नहीं उनके द्वारा शपथ पत्र अदालत में पेश की गई? अदालत ने यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं उन पर अवमानना चलाया जाए?
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में पूर्व में सुनवाई के दौरान सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान के मामले में राज्य सरकार के शिक्षा सचिव को अदालत में जवाब पेश करने को कहा था. शिक्षा सचिव के द्वारा जवाब पेश नहीं किया गया, बल्कि बार-बार अदालत से समय की मांग की गई. अदालत के कई बार समय देने के बाद अधिकारी के इस रवैया पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सचिव को सुनवाई के दौरान पेश होकर जवाब देने को कहा है.
6 सितंबर को होगी मामले की सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व में 10 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव को अंतिम मौका देते हुए शपथ पत्र दायर करने के लिए समय दिया था. उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा गया था कि प्रार्थी को सेवानिवृत्ति लाभ दी गई या नहीं, इस मामले का समाधान क्यों नहीं किया जा रहा है? कारण सहित जवाब पेश करें. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, अगर इस बार जवाब पेश नहीं किया जाता है तो अदालत उचित कार्यवाही करेगी. उसके बावजूद भी सचिव के द्वारा शपथ पत्र नहीं दायर की गई. अदालत ने उन्हें हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी.