रांचीः भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों पर अपनी 2020-21 की तीसरी रिपोर्ट जारी कर दी है. एसडीजी (Sustainable Development Goals) नाम की इस रिपोर्ट में राज्य और संघ प्रशासित क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आकलन किया जाता है.
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निचले पायदान पर झारखंड
इस बार की रिपोर्ट में झारखंड 56वें स्थान पर रहा है, जबकि बिहार 57वें स्थान पर है. झारखंड और बिहार की स्थिति भी अच्छी नहीं है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिल्ली में गुरुवार को इस रिपोर्ट को लॉन्च किया. उन्होंने ने कहा कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड के माध्यम से एसडीजी की निगरानी के उनके प्रयास को दुनिया में पहचान मिल रही है और इस डाटा का उपयोग विकास के प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है. नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में इनकी प्रगति को मापता और इसी के आधार पर उनकी रैंकिंग करता है.
जनता की भूख मिटाने के मामले में झारखंड फिसड्डी
झारखंड का सबसे खराब रिकार्ड अपनी जनता की भूख मिटाने के मामले में रहा है. जबकि इसी मामले में शानदार काम करते हुए केरल और चंडीगढ़ टॉप स्थान पर रहे हैं. अच्छे स्वास्थ्य के मामले में भी झारखंड का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. इस मामले में गुजरात और दिल्ली बढ़िया काम किया है और टॉप रहे हैं. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में केरल और चंडीगढ़ का काम सर्वोत्तम रहा है.
5 टॉप परफॉर्मर राज्य
इस बार इस रिपोर्ट में 17 लक्ष्यों पर 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आकलन किया गया है. इस रिपोर्ट में अगर पांच टॉप परफॉर्मर राज्यों की बात करें तो टॉप फाइव की लिस्ट में केरल प्रथम, दूसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, चौथे नचौथे नंबर पर सिक्किम और पांचवें नंबर पर महाराष्ट्र है. केरल 2019 की रैंकिंग में भी पहले स्थान पर था .
पांच पिछड़े राज्यों की बात करें तो बिहार सबसे नीचे हैं. इससे ऊपर झारखंड है फिर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है. इसके बाद छत्तीसगढ़, नागालैंड और ओडिशा का नंबर आता है.