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तीन साल से फरार साइबर अपराधी गिरफ्तार, चेक क्लोन कर कॉलेज के खाते से उड़ाए थे 14.33 लाख - झारखंड न्यूज

रांची पुलिस ने तीन साल से फरार तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इन्होंने जेएन कॉलेज के खाते से फर्जी चेक से जरिए 14.33 लाख की निकासी की थी.

Ranchi Police  arrested three cyber criminals
Ranchi Police arrested three cyber criminals

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Published : Oct 31, 2021, 7:39 PM IST

रांची:साइबर अपराधियों के खिलाफ रांची पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. जिसमे उन्हें सफलता भी मिल रही है. ताजा मामला धुर्वा थाना क्षेत्र का है यहां से तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

तीन साल से थे फरार
पुलिस ने तीन साल पहले रांची के धुर्वा स्थित जेएन कॉलेज के खाते से 14.33 लाख रुपए की अवैध निकासी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में लोहरदगा के दावले उरांव, करमटोली के संतोष रजक और राजेश ठाकुर शामिल है. वहीं, गिरोह का सरगना अभिमन्यु महतो उर्फ छोटू पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि पुलिस गिरोह के सरगना की तलाश में जुट गई है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार उसके संबंधित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.

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खाते में पैसा मंगवाने के एवज में आरोपियों को मिले थे 30 हजार
गिरफ्तार साइबर अपराधियों से पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी मिली कि आरोपी राजेश ने कॉलेज के खाता नंबर की जानकारी सरगना अभिमन्यु को दी. इसके बाद अभिमन्यु ने क्लोन चेक तैयार कर संतोष और दावले उरांव को राशि निकासी करने के लिए दिया. आरोपी संतोष को 5.95 लाख और दावले को साढ़े चार लाख रुपए का चेक दिया था. दोनों को आरोपियों ने क्लोन चेक दिया था. आरोपी संतोष और दावले ने खाते से पैसा निकासी करने के बाद उसे सरगना अभिमन्यु को दिया. इस एवज में सरगना ने तीनो को तीस-तीस हजार रुपए दिए थे.

2018 में दर्ज हुआ था केस
धुर्वा जगन्नाथपुर महाविद्यालय के प्राचार्य ज्योति लाल उरांव ने मई 2018 को थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. धुर्वा थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि जेएन कॉलेज के खाते से 14.33 लाख रुपए की निकासी कर ली गई है. प्राचार्य ने पुलिस को बताया था कि उनके खाते का उपयोग नहीं होता है. इस खाते का चेक नियमानुसार एकाउंटेट के पास रहता है. उन्हें शोकॉज किया गया. लिखित जवाब भी लिया गया. लेकिन राशि निकासी के बारे में कॉलेज प्रबंधन को कोई जानकारी नहीं मिली, इसलिए इसकी जांच कर कार्रवाई करें. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस मामले की जांच की तो पता चला कि कॉलेज के खाते से राशि दो लोगों के पास गई है. इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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