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Shardiya Navratri 2022: रांची में नेत्रदान और अंगदान का संदेश देने वाला बनाया गया पूजा पंडाल, आकर्षण का बना केंद्र

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Published : Sep 29, 2022, 4:43 PM IST

रांची में पूजा पंडाल को आकर्षक बनाया गया (Durga Puja pandal giving message of eye donation) है. इनमें एक पूजा पंडाल नेत्रदान और अंगदान की थीम पर सजाया गया है, ताकि अंगदान के प्रति लोग जागरुक हो सकें.

Shardiya Navratri 2022
रांची में नेत्रदान और अंगदान का संदेश देने वाला बनाया गया पूजा पंडाल

रांचीः नेत्रदान जीवन दान और अंगदान महादान की थीम पर मां दुर्गा का पूजा पंडाल बनाया गया (Durga Puja pandal giving message of eye donation) है, जो राजधानी के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना है. महानगर दुर्गापूजा समिति की ओर से पिछले 50 वर्षों से पूजा पंडाल बनवाया जा रहा है. 50 साल पूरा करने के अवसर पर इस वर्ष पूजा पंडाल को नेत्रदान और अंगदान का संदेश देने वाला बनवाया गया है.

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करीब 25 लाख की लागत से तैयार इस पूजा पंडाल को एक ऐसे नेत्रहीन दंपत्ति की कहानी दर्शाया गया है. पूजा समिति के अध्यक्ष अजीत सहाय ने बताया कि इसके माध्यम से समाज को नेत्रदान और अंगदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है. पूजा समिति के सदस्य राजीव रंजन कहते हैं कि पूजा पंडाल का थीम एक वर्ष पहले तैयार किया गया था. पूजा समिति की कोशिश रहती है कि धार्मिक कार्यों के साथ साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी निर्वहन किया जाए.

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इस पूजा पंडाल के मुख्य द्वार पर दृष्टिबाधित दंपत्ति का स्टैच्यू बताने के लिए काफी है कि यह पूजा पंडाल क्या संदेश देना चाहता है. मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद पूजा पंडाल के अंदर खुबसूरत लाइटिंग के बीच स्पीकर लगे हुए हैं, जो दुर्गा मां के बारे में दृष्टिबाधित श्रद्धालुओं को बता सकता है. आगे बढ़ने पर नेत्रहीन दंपत्ति की तश्वीर को मां दुर्गा का दर्शन करने जाते हुए दिखाया गया है. मां दुर्गा की भव्य मूर्ति के पीछे आंख को दर्शाया गया है, जो कहीं ना कहीं नेत्रदान को संदेश देता हुआ दिख रहा है.

पूजा पंडाल के अंदर जगह जगह नेत्रदान और अंगदान का स्लोगन लिखा हुआ है. इसके अलावे पूजा पंडाल में खुबसूरत लाइटिंग के बीच हर जगह आंख को बेहद ही आकर्षक तरीके से सजाया गया है. कोलकाता के कारीगर द्वारा करीब 45 दिन तक काम करने के बाद इस पूजा पंडाल को तैयार किया गया है. इस थीम को जमीन पर उतारनेवाले कारीगर नील दा कहते हैं कि इससे पहले कोलकाता में इसे बनाया गया, जो सर्वश्रेष्ठ पूजा पंडाल माना गया था. बहरहाल, दुर्गापूजा को लेकर राजधानी में एक से बढ़कर एक पूजा पंडाल बने हैं, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ मां दुर्गा के पट खुलते ही जुटने लगेंगी. ऐसे में नेत्रदान और अंगदान के प्रति लोगों को प्रेरित करता यह पूजा पंडाल आकर्षण का केंद्र बन रहा है.

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